रास्ता बहाली को ग्रामीणों ने रेलवे ट्रैक पर की नारेबाजी
प्रतापगढ़ साढ़े छह वर्ष से रास्ते के लिए संघर्ष कर रहे ग्रामीणों ने सोमवार को रेलवे लाइन के किनारे नारेबाजी की।
मकूनपुर, प्रतापगढ़ : साढ़े छह वर्ष से रास्ते के लिए संघर्ष कर रहे ग्रामीणों ने सोमवार को सूर्यगढ़ रेलवे ट्रैक पर रेलवे के खिलाफ नारेबाजी की। आंदोलन की रणनीति भी बनाई। रेलवे ट्रैक पर ग्रामीणों के आंदोलन की जानकारी होते ही आरपीएफ भी सक्रिय हो गई। प्रयागराज-आयोध्या रेल मार्ग के चिलबिला खुंडौर रेलवे स्टेशन के बीच सूर्यगढ़ रेलवे क्रासिग पर पहले फाटक, चकरेल तथा संकेतांक लगा था। इस रास्ते को रेलवे के अधिकारियों ने 16 फरवरी 2013 को पिलर गाड़कर रास्ता बंद कर दिया है।तीन दर्जन गांवों के ग्रामीण इसी रास्ते से होकर आते-जाते थे। रास्ता बंद होने से एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड, स्कूली वाहन तथा पुलिस की गाड़ी गांवो में नहीं पहुंच पाती है। इससे ग्रामीणों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। अंडर पास की मांग को लेकर अब लोग आर या पार के मूड में हैं। सोमवार को जब ग्रामीण जन आंदोलन की रणनीति बनाने सूर्यगढ़ रेलवे ट्रैक पर पहुंचे तो चीफ पीडब्ल्यूआइ के निर्देश पर रेलवे के सुपरवाइजर मंगलेश्वर यादव मौके पर पहुंचे। आरपीएफ इंस्पेक्टर डीपी सिंह भी जायजा लेते रहे। इस दौरान मित्र प्रकाश दुबे, आशुतोष दुबे, शैलेन्द्र दुबे, श्रवण कुमार शुक्ल, आजाद दुबे, प्रदीप सिंह, राम अंजोर यादव सहित अन्य ग्रामीण मौजूद रहे।