किशोर की मौत पर जिला अस्पताल में हंगामा, भागे कर्मी
इलाज के दौरान रविवार सुबह किशोर की मौत होने पर परिजनों ने जिला अस्पताल में जमकर हंगामा किया।
संसू, प्रतापगढ़ : इलाज के दौरान रविवार सुबह किशोर की मौत होने पर परिजनों ने जिला अस्पताल में जमकर हंगामा किया। परिवार वाले इंजेक्शन लगाने से मौत होने का आरोप लगा रहे थे। हंगामा देख अस्पताल कर्मी भाग निकले। सूचना मिलने पर फोर्स के साथ पहुंचे सीओ सिटी के मनाने पर परिवार वाले शांत हुए और शव लेकर घर चले गए।
मानधाता थाना क्षेत्र के कैला खुर्द गांव निवासी दुर्गेश यादव (17) पुत्र सुरेश यादव की शनिवार ठंड लगने से तबीयत खराब हो गई थी। उसे परिवार वालों ने रात 12:20 बजे जिला अस्पताल में भर्ती कराया। रात में तबीयत ज्यादा खराब होने पर चिकित्सकों ने उसे एसआरएन हास्पिटल प्रयागराज रेफर कर दिया था। किन्हीं कारणों से परिवार वाले उसे प्रयागराज नहीं ले जा सके। इस बीच रविवार सुबह 8:15 बजे दुर्गेश की सांसें थम गई। इससे परिवार वाले नाराज हो गए और नर्स से वाह्य रोगी प्रपत्र छीनकर हंगामा करने लगे। परिवार वालों का आरोप था कि इंजेक्शन लगाने के बाद ही दुर्गेश की मौत हुई है। हंगामा देख अस्पताल कर्मी इमरजेंसी वार्ड से भाग निकले। सूचना पर जिला अस्पताल चौकी इंचार्ज युनुस खान सिपाहियों के साथ वार्ड में पहुंचे। परिवार वालों ने यह भी कहकर हंगामा किया कि पुलिस वाले मुकदमा दर्ज करके जेल भेजने की धमकी दे रहे हैं। मामला बढ़ने पर मकंद्रूगंज चौकी इंचार्ज दीप नारायण यादव, एसएसआइ रमेश राय फोर्स के साथ अस्पताल पहुंचे। थोड़ी देर बाद सीओ सिटी अभय पांडेय भी पहुंच गए। दुर्गेश के मामा आशीष उर्फ बबलू निवासी पूरे ओझा सीओ सिटी से कहने लगे कि इंजेक्शन लगाने के बाद दुर्गेश की मौत हुई है। उन्होंने फौरन अस्पताल कर्मियों के खिलाफ तहरीर लिखकर मंकद्रूगंज चौकी इंचार्ज को दी। घटना की जानकारी मिलने पर सीएमओ डा. एके श्रीवास्तव इमरजेंसी वार्ड पहुंचे और चिकित्सक से पूरे मामले की जानकारी ली।
इस बीच सीओ सिटी ने पोस्टमार्टम कराने की बात कही तो आशीष कहने लगे कि दुर्गेश के फूफा आ रहे हैं। वही इस बारे में निर्णय लेंगे। करीब 11:15 बजे दुर्गेश के फूफा के बेटे संतोष यादव निवासी बहलोलपुर पहुंचे। उन्होंने पहले आशीष यादव सहित परिजनों से मामले की जानकारी की। इसके बाद सीओ सिटी से कहा कि वह पोस्टमार्टम नहीं कराना चाहते हैं। शव लेकर घर जा रहे हैं। कश्मीर से पिता ने कराया शांत
दुर्गेश दो भाइयों में बड़ा था। उससे छोटा मयंक है। उसके पिता सुरेश यादव सेना में है, जो इस समय कश्मीर में तैनात हैं। दुर्गेश के मामा आशीष ने घटना की जानकारी उन्हें फोन पर दी तो वह सन्न रह गए और अगले ही पल कहा कि बवाल मत करो। जो होना था हो गया, यह हमारा दुर्भाग्य है। शव लेकर घर जाओ। पिता के यह कहने पर लोग मान गए और आगे का बवाल बच गया।