हाईवे निर्माण के विरोध में धरने पर बैठे किसान , हंगामा
आसपुर देवसरा क्षेत्र के सोनपुरा गांव में शुक्रवार को लखनऊ-वाराणसी हाईवे का निर्माण कार्य शुरू होने का विरोध करते हुए किसान धरने पर बैठ गए। इसे लेकर किसान और हाईवे के अधिकारी आमने-सामने हो गए। सूचना मिलने पर दर्जन भर थानों की फोर्स के साथ एएसपी पूर्वी पहुंचे और किसानों को हटाकर हाईवे का निर्माण कार्य शुरू कराया।
संवाद सूत्र, ढकवा बाजार : आसपुर देवसरा क्षेत्र के सोनपुरा गांव में शुक्रवार को लखनऊ-वाराणसी हाईवे का निर्माण कार्य शुरू होने का विरोध करते हुए किसान धरने पर बैठ गए। इसे लेकर किसान और हाईवे के अधिकारी आमने-सामने हो गए। सूचना मिलने पर दर्जन भर थानों की फोर्स के साथ एएसपी पूर्वी पहुंचे और किसानों को हटाकर हाईवे का निर्माण कार्य शुरू कराया।
आसपुर देवसरा क्षेत्र के ढकवा बाजार से होकर लखनऊं-वाराणसी हाईवे गुजरा है। इस हाईवे के चौड़ीकरण का काम शुरू होना था, लेकिन सोनपुरा, देवरखा, पूरा व नगर गांव के 75 से अधिक किसान मुआवजा न मिलने की बात कहते हुए हाईवे के निर्माण का विरोध कर रहे हैं। इस बीच शुक्रवार को सुबह में करीब दस बजे एनएचएआइ वाराणसी के परियोजना निदेशक एसबी सिंह, कार्यदायी संस्था गायत्री प्रोजेक्ट लिमिटेड़ के डिप्टी प्रोजेक्ट मैनेजर मालेश्वर राव सोनपुर गांव पहुंच गए और निर्माण कार्य शुरू करने की तैयारी करने लगे। किसानों के बवाल करने की आशंका के मद्देनजर देवसरा, पट्टी, कंधई एसओ के साथ 18 थाने से 11 दारोगा, 50 सिपाही, 10 महिला सिपाही, एक प्लाटून पीएसी, फायर ब्रिगेड मौके पर डटी थी। इस बीच किसान राम निरंजन गुप्ता, सूर्य नारायण मिश्र , दिलीप मिश्र, श्रीनाथ यादव, राज बहादुर मिश्र , कान्तीलाल दूबे सहित सैंकड़ों किसान पहुंचे और हाईवे के निर्माण का विरोध करते धरने पर बैठ गए। बड़ी संख्या में किसान एकत्र होकर हंगामा करने लगे। इस पर किसान व एनएच के अधिकारी आमने-सामने हो गए। धरने व हंगामे की सूचना मिलने पर दिन में गरीब 11 बजे एसडीएम पट्टी डीपी सिंह, सीओ रानीगंज अतुल अंजना त्रिपाठी पहुंचे और किसानों को समझाने लगे, लेकिन किसान कुछ सुनने को तैयार नहीं थे। दोपहर 12 बजे सीआरओ इंद्रभूषण वर्मा के साथ एएसपी पूर्वी सुरेंद्र द्विवेदी मौके पर पहुंचे। सीआरओ ने कहा कि जिन किसानों को मुआवजा नहीं मिला है, उन्हें जल्द मुआवजा दिया जाएगा। इस पर उन्होंने किसानों से आपत्ति मांगा। करीब 75 किसानों ने मुआवजे को लेकर आपत्ति पत्र सौंपा। करीब तीन घंटे तक चली बातचीत के बाद किसान नहीं हटे तो पुलिस ने जबरन किसानों को मौके से हटाया। इसके बाद शाम करीब चार बजे हाईवे का निर्माण कार्य शुरू हुआ। हालांकि किसानों का आक्रोश देखते हुए मौके पर फोर्स तैनात है। एनएचआई वाराणसी के परियोजना निदेशक एसबी सिंह ने बताया कि हर हाल में निर्माण कार्य पूरा किया जाएगा। अगर किसी ने अवरोध पैदा करने का प्रयास किया तो उससे सख्ती से निपटा जाएगा। 85 प्रतिशत किसानों का मुआवजा दे दिया गया है। कुछ लोग बेवजह राजनीति कर रहे हैं। पांच गाटा संख्या के किसानों का मामला हाईकोर्ट में लंबित हैं। जिसके निस्तारण के बाद मुवाइजा दिया जाएगा।
------------- काम जारी रहने को लेकर बना है संशय
आखिरकार लंबे गतिरोध के बाद शुक्रवार को फोर्स की मौजूदगी में हाईवे का निर्माण कार्य शुरू हो गया। यह निर्माण कार्य कब तक जारी रहेगा, इस पर संशय बना हुआ है। आशंका है कि पुलिस के हटते ही फिर सोनपुरा, देवरखा, पूरा व नगर गांव के किसान निर्माण कार्य रोकने पहुंच जाएंगे। दूसरी ओर आम जनमानस जहां फोरलेन का निर्माण कार्य शुरू होने से खुश हैं, वहीं कुछ किसानों का आरोप है कि उनकी जमीन का मुआवजा अब तक नहीं दिया गया है। यही नहीं जिन किसानों को मुआवजा मिला है, वह सर्किल रेट से के अनुसार नहीं दिया गया।
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किसानों ने प्रशासन के फैसले को बताया तुगलकी फरमान संगीनों के साए में हाईवे का निर्माण कार्य शुरू कराने के प्रशासन के फैसले को किसानों ने तुगलकी और तानाशाही फरमान बताया। जमीन के स्वामी सूर्य नारायण मिश्र , कांतीलाल दूबे, दिलीप मिश्र, अच्छेलाल दूबे, पंचम यादव सहित धरने पर बैठे किसानों ने बताया कि वे शुक्रवार को शांतिपूर्ण तरीके से विरोध जता रहे थे। लेकिन प्रशासन ने गलत आरोप लगाते हुए उन्हें जबरन धरने से जबरन उठा दिया। किसानों का कहना था कि उन्हें सर्किल रेट से मुआवजा नहीं दिया गया।