लापरवाही पर दो वीडीओ निलंबित, तीन बीडीओ पर गिरी गाज
जिलाधिकारी मार्कंडेय शाही की अध्यक्षता में विकास भवन के सभागार में गोवंश आश्रय स्थलों के निर्माण कार्यों एवं व्यवस्थाओं के संबंध में अधिकारियों के साथ बैठक हुई।
जागरण संवाददाता, प्रतापगढ़ : जिलाधिकारी मार्कंडेय शाही की अध्यक्षता में विकास भवन के सभागार में गोवंश आश्रय स्थलों के निर्माण कार्यों एवं व्यवस्थाओं के संबंध में अधिकारियों के साथ बैठक हुई। इसमें जिलाधिकारी ने 37 गोवंश आश्रय स्थल एवं दो वृहद गोवंश आश्रय स्थल के संबंध में जानकारी प्राप्त की। डीएम ने कहा कि पालतू पशुओं को किसी कार्यालय, विद्यालय या पंचायत भवन में बंद करना अपराध है। बैठक में उपस्थित पुलिस अधीक्षक के प्रतिनिधि को निर्देशित किया गया कि इस संबंध में वे जनपद के सभी थानों को लिखित एवं दूरभाष से निर्देश भेजवा दें कि ऐसे मामलों में शिथिलता न बरती जाये। बैठक में विकास खंड बाबागंज में गोवंश आश्रय स्थल में स्थापना की प्रगति पर खंड विकास अधिकारी बाबागंज द्वारा संतोषजनक विवरण न देने के कारण उनके वेतन भुगतान पर जिलाधिकारी ने रोक लगा दी। बैठक में विकास खंड बिहार के फूलपुररामा गोवंश आश्रय स्थल में बिजली कनेक्शन अब तक न संयोजित करने के कारण अधिशासी अभियन्ता कुंडा के वेतन भुगतान पर रोक लगाने का निर्देश दिया। पशु चिकित्साधिकारी विपिन सोनकर विकास खंड बिहार के वेतन रोकने और निलंबन की रिपोर्ट बनाने के लिये भी निर्देशित किया। जिलाधिकारी ने फूलपुररामा के गोवंश आश्रय स्थल में लापरवाही पर ग्राम पंचायत अधिकारी लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को तत्काल निलंबित करने के लिये जिला पंचायत राज अधिकारी को निर्देश दिये। इसी तरह शेखपुर चौरास के गोवंश आश्रय स्थल में लापरवाही पर ग्राम विकास अधिकारी सत्य प्रकाश पांडेय को भी निलंबित करने के निर्देश दिये। ग्राम ऐमापुर बिन्धन विकास खंड बाबागंज के सचिव को अंतरिम रूप से बहाल करने के निर्देश दिये गये एवं 10 दिन के अन्दर गोवंश आश्रय स्थल को क्रियाशील बनाने को कहा गया। पशु चिकित्साधिकारी बाबागंज को कारण बताओ नोटिश जारी करने के निर्देश दिये गये। बैठक में विकास खण्ड सदर के गोवंश आश्रय स्थल महुली, सरायसागर एवं परशुरामपुर के संबंध में प्रगति रिपोर्ट सही न दिये जाने पर एवं कार्यों में रुचि न लेने के कारण खंड विकास अधिकारी सदर को प्रतिकूल प्रविष्टि देने का निर्देश दिये। विकास खंड संडवा चंद्रिकामें उमरी गोवंश आश्रय स्थल को चिह्नित न किये जाने पर तहसीलदार एवं उपजिलाधिकारी सदर को सचेत किया गया। बैठक में अनुपस्थित होने वाले पशु चिकित्साधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई के निर्देश दिये।