प्रतापगढ़ के दो स्वाधार महिला आश्रय गृहों में फर्जीबाड़ा, दिनभर अफरातफरी
दो स्वाधार महिला आश्रय गृहों में गुरुवार को दिन भर अफरातफरी रही। एक दिन पहले हुई प्रशासनिक जांच में इन दोनों आश्रय स्थलों से 28 महिलाएं अनुपस्थित मिली थीं।
प्रतापगढ़ (जेएनएन)। दो स्वाधार महिला आश्रय गृहों में गुरुवार को दिन भर अफरातफरी रही। एक दिन पहले हुई प्रशासनिक जांच में इन दोनों आश्रय स्थलों से 28 महिलाएं अनुपस्थित मिली थीं। इस सनसनीखेज प्रकरण में एसडीएम के नेतृत्व में गठित टीम ने दोबारा आश्रय गृहों की जांच की तो दोनों में कुल 20 महिलाओं के नाम काल्पनिक मिले। इस मामले के प्रकाश में आने पर गुरुवार को अष्टभुजा नगर की स्वाधार आश्रय गृह की संचालिका रमा मिश्रा ने पहले तो अपने यहां की सभी महिलाओं को वैध साबित करने के लिए डीएम के आवास तक उनकी परेड भी कराई। उनके केंद्र पर बाद में जांच में नौ महिलाएं फर्जी मिलीं, जबकि दूसरे आश्रयगृह का संचालक सुबह ही अपने संस्थान के गेट पर बंद की नोटिस चस्पा कर फरार हो गया। यहां भी 15 पंजीकृत महिलाओं में से चार ही मौके पर मिलीं। जांच में पाया गया कि 11 महिलाओं का नाम फर्जी ढंग से संस्थान के रजिस्टर में चढ़ाया गया था, ताकि शासन से अनुदान मिलता रहे।
डीएम द्वारा गठित जांच टीम के अध्यक्ष एसडीएम सदर सत्य प्रकाश सिंह व सदस्य तहसीलदार न्यायिक श्रद्धा पांडेय ने गुरुवार को दोनों आश्रय गृहों पर कई घंटे की जांच व बयानों में देर शाम पाया कि अष्टभुजा नगर आश्रय गृह में नौ व अचलपुर में 11 अपात्रों के नाम दर्ज कर संस्था संचालक वित्तीय लाभ उठा रहे थे।
यह प्रकरण बुधवार को तब सामने आया, जब जिलाधिकारी शंभु कुमार ने बुधवार को अचलपुर में मैक्सन ग्रामोद्योग समिति द्वारा संचालित महिला आश्रय गृह में छापा मारा था। यहां पंजीकृत 15 महिलाओं में से केवल तीन ही रात में मौजूद मिली थीं। इसी तरह अष्टभुजा नगर स्थित स्वाधार गृह जागृति महिला आश्रय गृह के रजिस्टर में 17 महिलाओं के नाम दर्ज थे, पर एक ही मौके पर मिली थी। इस हिसाब से जब 28 महिलाओं के गायब होने का पता चला है।
इधर, अचलपुर स्थित मैकसन ग्रामोद्योग समिति का संचालक इंद्रजीत सिंह गुरुवार को गेट पर संस्थान के बंद होने की सूचना चस्पा कर फरार हो गया है। संस्था अधीक्षक नेहा परवीन, क्लर्क दान बहादुर व गार्ड रामराज वर्मा भी भाग चुके थे। एसडीएम टीम लेकर दोपहर दो बजे यहां पहुंचे तो संस्था की काउंसलर साजिया व वहां रहने वाली चार महिलाएं मिलीं। पूछताछ के दौरान संस्था की काउंसलर साजिया ने माना कि रजिस्टर में फर्जी ढंग से 11 नाम चढ़ाए गए थे।