सड़क हादसों में दो व्यापारियों की मौत
संसू कुंडा गौरा जिले में अलग-अलग हुए सड़क हादसों में दो व्यापारियों की मौत हो गई। मा
संसू, कुंडा, गौरा : जिले में अलग-अलग हुए सड़क हादसों में दो व्यापारियों की मौत हो गई। मानिकपुर कस्बे में ट्रक ने बिजली दुकानदार को और गौरा बाजार में कार ने खराद दुकानदार को टक्कर मार दी।
मानिकपुर थाना क्षेत्र के पूरे अली नकी वार्ड निवासी फूलचंद सरोज (52) पुत्र लाला सरोज शनिवार सुबह करीब नौ बजे सब्जी लेने के लिए बाजार जा रहे थे। वह मानिकपुर कस्बे के अलीगंज चौराहे के पास प्रयागराज-लखनऊ हाईवे पर पहुंचे थे, तभी कुंडा की ओर से आ रहे तेज रफ्तार ट्रक ने उन्हें टक्कर मार दिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गये। आस-पास के लोगों की सूचना पर पहुंची पुलिस उन्हें लेकर सीएचसी कुंडा पहुंची। यहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इस घटना में ट्रक चालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है।
दूसरी घटना में फतनपुर थाना क्षेत्र के रहेटुआ परसरामपुर गांव निवासी मनोज कुमार (38) पुत्र नंदलाल ने गौरा ब्लाक कार्यालय के बगल हाईवे के किनारे खराद की दुकान खोल रखी थी। वह परिवार के साथ गौरा में रहते भी थे। शुक्रवार देर रात वह दुकान के सामने खड़ी बाइक घर में रखने जा रहे थे। तभी रानीगंज की ओर से आ रही कार ने जौनपुर-रायबरेली हाईवे पर उन्हें टक्कर मार दी, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए। आनन-फानन उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गौरा ले जाया गया, वहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। शव लाने पर मचा कोहराम
संसू, गौरा : रहेटुआ परसरामपुर गांव निवासी मनोज कुमार का शव पोस्टमार्टम के बाद शनिवार को दोपहर करीब 2:30 बजे घर गौरा लाया गया तो यहां स्वजनों में कोहराम मच गया। मनोज की पत्नी सुशीला, बेटी साक्षी, सोनाक्षी, समीक्षा व भाई राजकुमार समेत स्वजन रोते बिलखते हुए शव से लिपट गए। पत्नी सुशीला बार-बार बेहोश हो जा रही थी।
मनोज तीन भाइयों में सबसे छोटा था। बड़े भाई रामकुमार व राजकुमार हैं। मनोज के पिता नंदलाल की मौत पहले ही हो चुकी है। मां जोखना देवी रो-रोकर बेहाल थी। घटना से व्यापारियों में शोक
संसू, कुंडा : फूलचंद ने मानिकपुर कस्बे में बिजली की दुकान खोल रखी थी। फूलचंद्र की मौत से व्यापारियों में शोक की लहर व्याप्त है। फूलचंद्र के परिवार में पत्नी, दो बेटे और दो बेटियां हैं। बेटियों की शादी हो चुकी है। उधर, घटना को लेकर बाजार वासियों में स्थानीय प्रशासन और नगर पंचायत प्रशासन को लेकर आक्रोश व्याप्त है। पिछले एक साल में कई घटनाएं होने के बाद भी स्थानीय प्रशासन जाग नहीं रहा है। मुख्य चौराहे पर डग्गामार वाहनों का जमावड़ा और छोटे दुकानदारों ने अतिक्रमण कर रखा है। इसके बाद तहसील व नगर पंचायत प्रशासन चुप्पी साधे बैठा है।