यह तो जमींदारी प्रथा को वापस लाने का कदम है : प्रमोद
कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य तथा आउट रीच कमेटी के प्रभारी प्रमोद तिवारी ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा संसद मे प्रस्तुत किए गए विधेयकों को किसान विरोधी तथा राष्ट्रीय जनमत के खिलाफ बताया है। विधेयको को संख्याबल के माध्यम से पास कराने को अलोकतांत्रिक कार्रवाई ठहराते हुए इसे देश में जमींदारी प्रथा वापस लाने का कदम भी करार दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस संसद से लेकर सड़क तक इस भूमि संशोधन विधेयक का विरोध करेगी। शुक्रवार को लालगंज नगर स्थित क्षेत्रीय विधायक आराधना मिश्रा मोना के कैंप कार्यालय पर पत्रकार वार्ता मे सीडब्लूसी मेंबर ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि यह विधेयक किसानों पर जबरिया थोपा गया तो कांग्रेस की सरकार बनते ही 24 घंटे के अंदर इसे समाप्त कर दिया जाएगा।
संसू, लालगंज : कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य तथा आउट रीच कमेटी के प्रभारी प्रमोद तिवारी ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा संसद मे प्रस्तुत किए गए विधेयकों को किसान विरोधी तथा राष्ट्रीय जनमत के खिलाफ बताया है। विधेयको को संख्याबल के माध्यम से पास कराने को अलोकतांत्रिक कार्रवाई ठहराते हुए इसे देश में जमींदारी प्रथा वापस लाने का कदम भी करार दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस संसद से लेकर सड़क तक इस भूमि संशोधन विधेयक का विरोध करेगी। शुक्रवार को लालगंज नगर स्थित क्षेत्रीय विधायक आराधना मिश्रा मोना के कैंप कार्यालय पर पत्रकार वार्ता मे सीडब्लूसी मेंबर ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि यह विधेयक किसानों पर जबरिया थोपा गया तो कांग्रेस की सरकार बनते ही 24 घंटे के अंदर इसे समाप्त कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसान विरोधी इन विधेयको के लागू होते ही मंडियां समाप्त हो जाएंगी और पूंजीपतियों के हाथों में किसानों की फसल की कीमत निर्धारित करने का अधिकार हो जाएगा। इससे फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य भी प्रभावकारी नहीं रह पाएगा। पूंजीपतियों के आगे किसान अपनी उपज का सही लाभ तक हासिल नहीं कर सकेगा। कांग्रेस नेता ने सवाल उठाया कि केंद्र सरकार इन विधेयको को लेकर अपने लगभग 25 साल पुराने गठबंधन अकाली दल के कैबिनेट मंत्री को नहीं समझा पा रहे हैं तो किसान और देश की जनता को कैसे विश्वास में ले पाएंगे। वहीं कांग्रेस नेता ने दावा किया कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी तथा प्रियंका गांधी की अगुवाई मे कांग्रेस ही किसानों की देशव्यापी लड़ाई मजबूती से लड़ रही है। चीन व भारत के बीच जारी तनाव के हालात पर भी उन्होंने केंद्र सरकार को कटघरे मे खड़ा किया। कहा कि रक्षामंत्री और विदेशमंत्री तथा सेटेलाइट की तस्वीरें भी यह स्वीकार कर रही है कि एलएसी के इस तरफ देश की भूमि पर चीन ने कब्जा कर रखा है। वहीं प्रधानमंत्री आज तक आक्रमणकारी चीन का नाम तक नहीं बता सके और उसे क्लीनचिट भी दे दी है। इस मौके पर मीडिया प्रभारी ज्ञानप्रकाश शुक्ल भी मौजूद रहे।