सब राम के, कोई पक्ष-विपक्ष नहीं : जन्मेजय शरण
अयोध्या के रसिक पीठाधीश्वर जन्मेजय शरण महाराज ने कहा कि जन आकांक्षा और प्रभु इच्छा से अयोध्या में भव्य और नव्य राम मंदिर की परिकल्पना साकार हो रही है। जल्दी ही यह मंदिर बनकर तैयार होगा और इसके माध्यम से भारत का सम्मान और गौरव पूरे विश्व में और प्रसारित होगा। प्रतापगढ़ के दौरे पर बुधवार को आए पीठाधीश्वर ने कहा कि राम के लिए सब अपने हैं। हर जाति धर्म से उनका जुड़ाव है। राम को कबीर और रहीम ने भी भजा है। ऐसे में मंदिर निर्माण और रामकाज के ²ष्टिकोण से न तो कोई पक्ष है और न ही विपक्ष।
जागरण संवाददाता, प्रतापगढ़ : अयोध्या के रसिक पीठाधीश्वर जन्मेजय शरण महाराज ने कहा कि जन आकांक्षा और प्रभु इच्छा से अयोध्या में भव्य और नव्य राम मंदिर की परिकल्पना साकार हो रही है। जल्दी ही यह मंदिर बनकर तैयार होगा और इसके माध्यम से भारत का सम्मान और गौरव पूरे विश्व में और प्रसारित होगा। प्रतापगढ़ के दौरे पर बुधवार को आए पीठाधीश्वर ने कहा कि राम के लिए सब अपने हैं। हर जाति धर्म से उनका जुड़ाव है। राम को कबीर और रहीम ने भी भजा है। ऐसे में मंदिर निर्माण और रामकाज के ²ष्टिकोण से न तो कोई पक्ष है और न ही विपक्ष। राजनीतिक लाभ के लिए भले ही कुछ लोग ऐसी बातें करें, एक दूसरे पर आरोप लगाएं, लेकिन इस धरती पर जो भी है वह सब राम का है। वायु, जल, अन्न, नदी, समुद्र, वृक्ष का उपभोग करने वाला हर प्राणी राम का है। पीठाधीश्वर जन्मेजय शरण महाराज बड़ा स्थान जानकी घाट अयोध्या ने कहा कि वह करुणा सिधु महाराज की चरण पादुका लेकर पूरे देश में सनातन धर्म का संदेश दे रहे हैं। बुधवार को चिलबिला में प्रदेश के जलशक्ति मंत्री डा. महेंद्र सिंह के प्रतिनिधि दिनेश शर्मा के कैंप कार्यालय पर लोगों से भेंट करते हुए पीठाधीश्वर ने कहा कि वैष्णव और शैव्य अलग नहीं हैं। जो शिव को नहीं मानता उस पर राम कृपा नहीं करते, बिना राम को माने शिव का पूजन फलदायक नहीं होता। मतांतर नहीं होना चाहिए। गोस्वामी तुलसीदास कलयुग के सिद्ध संत हैं। संत का समागम और सत्संग सुनने का अवसर उसी को मिलता है, जिस पर प्रभु की कृपा होती है। प्रवासी भारतीय संघ के अध्यक्ष के रूप में पीठाधीश्वर ने कहा कि पूरी दुनिया के एनआरआइ लोग राम मंदिर से जुड़े हैं। यहां पहुंचने पर दिनेश शर्मा, उनकी पत्नी सभासद सुमन शर्मा ने उनका स्वागत किया। धर्माचार्य ओम प्रकाश पांडेय अनिरुद्ध रामानुजदास ने पीठाधीश्वर को अपने द्वारा रचित मां वाराही महात्म्य पुस्तक भेंट की। समाजसेवी संतोष दुबे, दिनेश सिंह डगैता, राकेश सिंह, मुन्ना सिंह, डा. प्रभात शर्मा, स्वामी टीकमाचार्य परिवार के गिरिजेश तिवारी, रत्नेश द्विवेदी पंकज आदि ने महाराज का स्वागत किया। कुछ देर रुकने के बाद वह प्रयाग के लिए प्रस्थान कर गए।
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निराश्रित बच्चों को देंगे सहारा
पीठाधीश्वर जन्मेजय शरण ने कहा कि देश भर के निराश्रित, परेशान बच्चों को केशव प्रकल्प के माध्यम से सहारा दिया जाएगा। इसके लिए अभियान शुरू कर दिया गया है। उनकी शिक्षा और पालन-पोषण की व्यवस्था की जा रही है।