..तब तो शव ढोने के लिए नहीं पड़ेगी वाहनों की कमी
कोरोना काल में केवल संक्रमण से ही नहीं कमजोर इम्युनिटी से भी मौतें हो रही हैं। जिसके घर को कोई अपना दम तोड़ता है उसे केवल गम ही नहीं व्यवस्थागत समस्याएं भी सताती हैं। इसमें अस्पताल से शव को घर तक व घर से घाट तक ले जाने के लिए वाहन आसानी से नहीं मिल रहे। सरकारी शव वाहन कम होने से आ रही इस तरह की मुश्किलें अब कुछ कम हो सकेंगी। जिले में अपने स्तर से इस तरह की पहल परिवहन विभाग करने जा रहा है।
जासं, प्रतापगढ़ : कोरोना काल में केवल संक्रमण से ही नहीं, कमजोर इम्युनिटी से भी मौतें हो रही हैं। जिसके घर को कोई अपना दम तोड़ता है उसे केवल गम ही नहीं, व्यवस्थागत समस्याएं भी सताती हैं। इसमें अस्पताल से शव को घर तक व घर से घाट तक ले जाने के लिए वाहन आसानी से नहीं मिल रहे। सरकारी शव वाहन कम होने से आ रही इस तरह की मुश्किलें अब कुछ कम हो सकेंगी। जिले में अपने स्तर से इस तरह की पहल परिवहन विभाग करने जा रहा है।
शव को ले जाने के लिए लोग एंबुलेंस संचालकों को खोजते हैं। निजी एंबुलेंस वाले अक्सर उससे सौदा करते हैं। दो से तीन गुना भाड़ा मांगते हैं। जबकि शव को साधारण वाहनों से भी ले जाया जा सकता है। लोग इस बात को नहीं जानते, जिससे परेशान होते हैं। ऐसे में विभाग की कोशिश होगी कि वह निजी मालवाहकों को इस सेवा में वाजिब किराए पर लगाए। जिले के एआरटीओ कार्यालय के अभिलेख में 17 शव वाहन दर्ज हैं। इनको स्वर्ग विमान कहा जाता है। इनको तमाम तरह के टैक्स में छूट दी जाती है। ऐसे वाहन कहां चल रहे हैं अब इस बारे में विभाग नए सिरे से पता करेगा। उन वाहनों को जरूरतमंदों के लिए उपलब्ध कराने की कवायद होगी।
--
..मालवाहक वाहन संचालक करें पहल तो बने बात
पिकअप, मालवाहक टेंपो, छोटा हाथी जैसे वाहनों का उपयोग कोरोना काल में कम हो रहा है। माल की आवक कम हो रही है। व्यापारिक गतिविधियां न के बराबर हैं। ऐसे में इस तरह के मालवाहक वाहन शव ढोने में लगाए जा सकते हैं। एआरटीओ सुशील कुमार मिश्र कहते हैं कि महामारी का समय है। पूरा देश संकट में है। सरकारी स्तर पर तो राहत, बचाव व मदद के कार्य हो ही रहे हैं, पर समाज को भी आना चाहिए। जिन लोगों के पास ऐसे वाहन हैं वह एआरटीओ कार्यालय को बताकर सेवाएं दे सकते हैं। उनकी क्षमता तो वह फ्री में शव पहुंचाएं। किराया लेना हो तो कम से कम लें। मानवता के काम आएं। इस तरह से उनका भी काम चलेगा और परेशानहाल लोगों को इससे मदद मिलेगी।