सभासद और पालिका प्रशासन की लड़ाई में खटाई में पड़ा डिवाइडर का काम
प्रतापगढ़ नगर पालिका प्रशासन और एक सभासद के बीच चल रही लड़ाई ने ऐसा तूल पकड़ा कि शह
प्रतापगढ़ : नगर पालिका प्रशासन और एक सभासद के बीच चल रही लड़ाई ने ऐसा तूल पकड़ा कि शहर में चल रहा डिवाइडर निर्माण का कार्य बीच में ही ठप पड़ गया। एक तरफ सभासद की तरफ से शहर में बन रहे डिवाइडर में तमाम खामी के आरोप लगा पालिका प्रशासन को घेरे में ले लिया जा रहा है। वहीं नगर पालिका प्रशासन अपने को इस मामले में पूरी तरह से नियमबद्ध बता बेदाग कहा जा रहा है। यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कि कौन सही है और कौन गलत। काम बंद होने से और सड़क पर पड़ी गिट्टी व लगाई गई सरिया दुर्घटना का सबन बन चुकी हैं। वहीं जिला प्रशासन अभी तक इस मामले में मूक दर्शक बना हुआ है।
महानगरों की तर्ज पर नगर के आंबेडकर चौराहे से चौक में घंटाघर के बीच डिवाइडर बनाया जाना है। करीब एक किलोमीटर की दूरी तक यह कार्य होना है। राज्यवित्त मद से यह कार्य होना है। 61 लाख रुपये लागत से यह कार्य होगा। अभी तक केवल टंडन तिराहे से चौक के बीच कार्य होगा। शहर के आंबेडकर चौराहे से पुलिस लाइन के बीच जैसे ही निर्माण कार्य शुरू हुआ, सभासद विनय सिंह भोला ने गुणवत्ता में की जा रही अनियमितता का आरोप लगाते हुए कार्य बंद करा दिया। अभी तक कार्य बंद ही चल रहा है। इस मामले में ईओ का घेराव भी किया गया था। सभासद विनय का दावा है कि डिवाइडर निर्माण कार्य के पहले सड़क की चौड़ीकरण का ध्यान नहीं दिया गया, नियम को ताख पर रखकर डिवाइडर बनाने का काम शुरू कर दिया गया। डिवाइडर का कार्य मानक के विपरीत हो रहा है। यह कार्य केवल टंडन चौराहे से राजापाल टंकी चौराहे तक होगा। इसके बाद कार्य बंद करा दिया जाएगा। मेरी मांग पालिका प्रशासन से है कि यह कार्य घंटाघर तक पूरा कराया जाए। पिछली बार भी टेंडर घंटाघर तक हुआ था। इस बार भी टेंडर घंटाघर तक ही हुआ है। श्रीराम चौराहे तक ही काम कराकर इसे क्यों बंद करा दिया जाता है। क्या कारण है। नगर पालिका प्रशासन नियमबद्ध काम कर रहा है तो उन्हें इसकी लिखापढ़ी में जानकारी देकर अपना पक्ष स्पष्ट करे, ताकि जनता भी अपने शहर में हो रहे निर्माण को लेकर जान सके कि यह कहां तक बनेगा और उसे कितनी सुविधा मिलेगी। वहीं पालिका प्रशासन अभी तक उन्हें लिखापढ़ी में डिवाइडर निर्माण प्रक्रिया के बारे में कोई जानकारी नहीं दे सका है। वहीं जिला प्रशासन भी इस मुद्दे पर चुप्पी साधे है, यह भी अपने आप में सवाल है।