गरीब को आवास मिला, लेकिन बन नहीं सका
संड़वा चंद्रिका विकासखंड के उसरी ग्राम सभा निवासी लल्लन वर्मा को भूमिहीन होने के नाते ग्राम प्रधान व लेखपाल द्वारा पूरी प्रक्रिया के तहत दो साल पहले 2017 में पट्टे की जमीन दी गई थी। वर्ष 2019 में मुख्यमंत्री आवास और शौचालय मिला। शौचालय तो पट्टे की जमीन पर बन गया लेकिन उसके बाद आवास बनाते समय गांव के ही कुछ लोग विरोध करने लगे। सीआरओ के यहां से पट्टे की जमीन पर स्टे ले लिया और उसके बाद लल्लन वर्मा तहसील और सीआरओ ऑफिस का आठ महीने से चक्कर काट रहा है।
संसू, जगेशरगंज : आवास मिलने के बाद भी एक मजदूर झोपड़ी में रहने को मजबूर है। भूमिहीन होने के बावजूद उसका आवास नहीं बन पा रहा है। हम बात कर रहे हैं संड़वा चंद्रिका विकासखंड के उसरी ग्राम सभा के लल्लन वर्मा की। लल्लन को भूमिहीन होने के नाते ग्राम प्रधान व लेखपाल द्वारा पूरी प्रक्रिया के तहत दो साल पहले 2017 में पट्टे की जमीन दी गई थी। वर्ष 2019 में मुख्यमंत्री आवास और शौचालय मिला। शौचालय तो पट्टे की जमीन पर बन गया, लेकिन उसके बाद आवास बनाते समय गांव के ही कुछ लोग अवैध तरीके से विरोध करने लगे। सीआरओ के यहां से पट्टे की जमीन पर स्टे ले लिया और उसके बाद लल्लन वर्मा तहसील और सीआरओ ऑफिस का आठ महीने से चक्कर काट रहा है। वह पत्नी अनीता वर्मा व तीन बच्चों के साथ झोपड़ी में रहने को मजबूर है। ग्राम प्रधान से पूछने पर बताया कि 48 लोगों को पट्टा दिया गया था, जो कि सभी भूमिहीन हैं। इस मामले में लेखपाल ने भी अपनी रिपोर्ट लगा दी है। प्रधान ने कहा कि जबरन गांव के कुछ दबंग उसे परेशान करने के लिए ऐसा कर रहे हैं । बेबस गरीब लल्लन वर्मा अधिकारियों की चौखट पर घूम रहा है। इस संबंध में खंड विकास अधिकारी सरिता का कहना है कि मामले की जानकारी नहीं है। यदि ऐसा है तो इसकी जांच कराकर उसका आवास बनाने की प्रक्रिया पूरी कराई जाएगी।