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बाईपास के निर्माण की राह नहीं दिख रही आसान

दो हाईवे को जोड़ने वाले प्रस्तावित बाईपास के निर्माण की राह आसान नहीं है। बाईपास को मंजूरी मिले चार साल बीत गए हैं लेकिन अभी तक सभी किसानों को मुआवजा नहीं मिल सका है। अभी भी पांच गांवों के किसानों के लिए 26.59 करोड़ रुपये की दरकार है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 15 Dec 2020 10:31 PM (IST)Updated: Tue, 15 Dec 2020 10:31 PM (IST)
बाईपास के निर्माण की राह नहीं दिख रही आसान
बाईपास के निर्माण की राह नहीं दिख रही आसान

संवाद सूत्र, प्रतापगढ़ : दो हाईवे को जोड़ने वाले प्रस्तावित बाईपास के निर्माण की राह आसान नहीं है। बाईपास को मंजूरी मिले चार साल बीत गए हैं, लेकिन अभी तक सभी किसानों को मुआवजा नहीं मिल सका है। अभी भी पांच गांवों के किसानों के लिए 26.59 करोड़ रुपये की दरकार है।

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जिले का प्रमुख हाईवे प्रयागराज-अयोध्या बीच शहर से होकर गुजरा है। यह हाईवे दो धार्मिक नगरी प्रयागराज व अयोध्या को जोड़ता है। इसके साथ ही इस हाईवे से प्रयागराज, अमेठी, सुल्तानपुर, आंबेडकरनगर, अयोध्या, गोंडा, बस्ती, बहराइच, श्रावस्ती, गोरखपुर सहित दर्जन भर से अधिक जिले के लोगों का आवागमन रहता है। इससे खास तौर पर दिन में इस हाईवे पर वाहनों का दबाव अधिक रहता है, जिससे रुक-रुककर दिन भर जाम लगता रहता है। जाम की समस्या से निजात पाने और हादसों पर अंकुश लगाने के लिए जिले के लोग कई साल से लोग जनप्रतिनिधियों से बाईपास के निर्माण की मांग करते आ रहे थे।

वैसे तो सितंबर 2013 में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अधीक्षण अभियंता पंकज सिंह ने बाईपास का सर्वे करने के लिए कास्टा इंजीनियरिग प्राइवेट लिमिटेड नई दिल्ली को पत्र लिखा था। हालांकि बाइपास को मंजूरी वर्ष 2016 में मिली। वर्ष 2016 में 17 गांवों के किसानों की जमीन अधिग्रहीत की गई। इन गांवों के किसानों को 85.93 करोड़ मुआवजा दिया जाना था। इस चार साल में सोनावां, गोड़े, घोरका, लोहंगपुर, सरायवीरभद्र, पूरे केशवराय, गायघाट, जहरगो, करौंदी, गड़ई चकदेइया, सराय कल्याणदेव, ईसीपुर सहित 12 गांवों के किसानों को 58.34 करोड़ रुपये मुआवजा बांट दिया गया है।

अभी पांच गांवों प्रतापगढ़ सिटी, बैजलपुर, पूरे मुस्तफा, रामगढ़ी व पूरे माधवसिंह के किसानों को 26.59 करोड़ रुपये मुआवजा नहीं मिल सका है। अक्टूबर महीने में नेशनल हाईवे सुल्तानपुर के अधिशाषी अभियंता ने 26.59 करोड़ की मांग सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय से की थी। डिमांड किए दो महीने बीत गए हैं, लेकिन अभी तक बजट नहीं मिल सका है। इससे फिलहाल इस साल में बाईपास के निर्माण का काम शुरू होने की उम्मीद नहीं है।

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-पांच गांवों के किसानों को मुआवजा देने के लिए 26.59 करोड़ रुपये की मांग सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय से की गई है। किसानों को मुआवजा बांटने के बाद बाईपास के निर्माण के लिए बजट की डिमांड की जाएगी-

एके मिश्रा, सहायक अभियंता, एनएच सुल्तानपुर

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चार ओवरब्रिज हैं प्रस्तावित

बाईपास की कुल लंबाई 14.220 किमी है। सिक्स लेन के प्रस्तावित बाईपास के लिए 60 मीटर की चौड़ाई में जमीन को अधिग्रहीत किया गया है। पहले चरण में 10 मीटर चौड़ा बाईपास बनेगा। प्रतापगढ़-लखनऊ व प्रतापगढ़-सुल्तानपुर रेल मार्ग पर दो ओवरब्रिज बनेगा। इसके अलावा चिलबिला-अमेठी मार्ग और गायघाट-चंद्रिकन मार्ग पर बाईपास प्रस्तावित है। इसके साथ ही चमरौधा व सई नदी पर एक-एक पुल बनेगा।


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