गम, गुस्से के बीच अधेड़ के शव का किया अंतिम संस्कार
तेज गति से भागती कार में फंसकर घिसटने से जान गंवाने वाले मुन्नी लाल के शव का अंतिम संस्कार बुधवार को गम व गुस्से के बीच कर दिया गया। रसूलाबाद में उसकी शव यात्रा में स्वजन रिश्तेदार व गांव के लोग गए लेकिन सत्ता या विपक्ष कोई राजनेता नहीं पहुंचा। प्रशासन की ओर से भी कोई मदद नहीं मिली। लोगों में कार चालक की संवेदनहीनता पर गुस्सा रहा।
संसू, विश्वनाथगंज : तेज गति से भागती कार में फंसकर घिसटने से जान गंवाने वाले मुन्नी लाल के शव का अंतिम संस्कार बुधवार को गम व गुस्से के बीच कर दिया गया। रसूलाबाद में उसकी शव यात्रा में स्वजन, रिश्तेदार व गांव के लोग गए, लेकिन सत्ता या विपक्ष कोई राजनेता नहीं पहुंचा। प्रशासन की ओर से भी कोई मदद नहीं मिली। लोगों में कार चालक की संवेदनहीनता पर गुस्सा रहा।
नगर कोतवाली क्षेत्र के कुसफरा गांव निवासी मुन्नी लाल रजक (55) पुत्र मल्लू रजक सोमवार को शाम डीजल लेने के लिए पड़ोसी राम सजीवन मौर्य के साथ विश्वनाथगंज बाजार बाइक से गया था। भवानीपुर के पास कार की टक्कर से दोनों गिर पड़े। इतने में पीछे से आ रही स्कॉर्पियो के बंपर में मुन्नीलाल फंस गया और करीब पांच किमी तक घिसटता गया। मऊआइमा क्षेत्र में उसे कार से निकालकर चालक ने फेंक दिया था। मुन्नी लाल की मौत हो गई थी। घायल राम सजीवन का जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है। उसके घर पर मातम छाया है। पत्नी आशा देवी, मां गुलाबा देवी (90) और बेटे, बेटी बदहवास हैं। बुधवार को सुबह शव को प्रयागराज ले जाया गया। लोगों के आंसू छलक पड़े। उसके बेटे आदित्य, रवि, देवनाथ, चंद्रभान, बेटी लक्ष्मी व राधिका समेत घर व गांव के लोगों का कहना था कि अगर स्कार्पियो चालक ने जरा सी मानवता दिखाई होती तो मुन्नी लाल की जान बच सकती थी। पहली कार की टक्कर से उसे चोट लगी थी जरूर, पर मरने से उसे बचाया जा सकता था। ऐसे में पुलिस उस चालक को पकड़े व कार्रवाई करे। मुन्नी लाल की मौत से घर वालों पर संकट आ गया है। परिवार बहुत गरीब है। दो बेटियों की शादी भी अभी नहीं हुई है। ऐसे में परिवार का क्या होगा यह सोचकर लोग चितित हो रहे हैं। इनके पास कोई खास खेत भी नहीं है।