दुकान में रखे कपूर, देसी घी से भड़की थी आग
प्रतापगढ़ शहर के प्रमुख किराना विक्रेता रूपेश कसौधन की दुकान में लगी आग कपूर व देसी घ
प्रतापगढ़ : शहर के प्रमुख किराना विक्रेता रूपेश कसौधन की दुकान में लगी आग कपूर व देसी घी के चलते विकराल हुई थी। घटना के दूसरे दिन शुक्रवार को आग ठंडी होने पर व्यवसायी ने मजदूरों की मदद से पूरे दिन मलबा निकलवाया। दुकान के हर हिस्से में मलबा व कालिख रही।
गुरुवार को दिन में करीब 10 बजे भीषण आग लगने से अफरातफरी मच गई थी। दमकल की कई गाड़ियों व पड़ोसियों की मदद से आग पर किसी तरह काबू पाया गया था। दुकान स्वामी का कहना है कि इस हादसे में पांच-छह लाख का नुकसान हुआ है। जैसे-जैसे मलबा दिख रहा है, नुकसान का आकलन कर रहे हैं। दुकान के बीच वाले हिस्से में लगी आग ने वहां रखे कपूर व हवन सामग्री का संपर्क पाते ही भीषण रुख अख्तियार कर लिया था। कुछ दूरी पर तिल का तेल, देसी घी, अगरबत्ती के बंडल, कपूर, रुई की बत्तियां, जौ, माचिस आदि के जरिए आग दहकती गई। दुकान सकरी होने से आग दूर तक चली गई, जिससे वहां तक पानी डाल पाने में मुश्किलें हुई।
आग की तपिश ऐसी रही कि जो किराना सामग्री जली नहीं, वह सुलगकर गल गई। बुझाने को पानी डालने से दुकान में हर ओर कालिखयुक्त पानी बह चला। बड़ी मुश्किल से सफाई की गई, वह भी पूरी नहीं हो सकी। आग लगने की वजह बिजली की शार्ट सर्किट रही।
वाटरटैंक बनाने को नोटिस : अग्निशमन विभाग ने व्यापारी रूपेश को नोटिस जारी की है। पूछा है कि दुकान में आग बुझाने के क्या उपकरण लगे थे, यह बताएं। साथ ही दुकान के पास या ऊपर कहीं भी सुविधानुसार कम से कम 10 हजार लीटर का वाटर टैंक बनवाएं, ताकि इस तरह के हादसे रोकने में मदद मिल सके। एफएसओ महेंद्र प्रसाद का कहना है कि नुकसान की रिपोर्ट अभी तैयार नहीं हुई है। इसे तैयार किया जाएगा।
बगल के घरों में कालिख : भीषण अग्निकांड के चलते बगल के घरों व दुकानों में कालिख फैल गई है। धुएं से दीवारें काली हो गई हैं। दीवारों के गर्म हो जाने से कलर उतर गया है।
खुलीं दुकानें : एक तरफ जहां आग से हुई क्षति के बाद पीड़ित सफाई में जुटा रहा, वहीं अगल-बगल की दुकानें गुलजार हो गई। दुकानों पर आने ग्राहक सामान लेने से पहले घटना की चर्चा कर रहे थे।