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36 घंटे में बदल गई मधुपुर गांव की सूरत

संसू, मकूनपुर/कोहड़ौर : कंधई मधुपुर गांव 36 घंटे तक बेहद साधारण गांव था। अचानक मुख्यम

By JagranEdited By: Published: Sun, 22 Apr 2018 11:03 PM (IST)Updated: Sun, 22 Apr 2018 11:03 PM (IST)
36 घंटे में बदल गई मधुपुर गांव की सूरत
36 घंटे में बदल गई मधुपुर गांव की सूरत

संसू, मकूनपुर/कोहड़ौर : कंधई मधुपुर गांव 36 घंटे तक बेहद साधारण गांव था। अचानक मुख्यमंत्री के आगमन का कार्यक्रम बनते ही यह गांव अचानक वीआइपी हो गया। जिले के आला अफसरों से लेकर ब्लाक और तहसील के अफसर यहां दौड़ पड़े। डेढ़ हजार से ज्यादा मजदूर, 300 से ज्यादा राजमिस्त्री, 17 ब्लाकों के कर्मचारी अधिकारी गांव में आकर ऐसा डटे कि गांव का पूरा चेहरा ही बदल गया।

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गांव के उच्च प्राथमिक स्कूल जहां सामने पंचायतघर में सीएम रात्रि विश्राम करेंगे, वहां बरसों से जिस जर्जर भवन को ढहाने की मांग अध्यापक करते चले आ रहे थे। उसे अचानक कई बुलडोजरों ने आकर ढहा दिया। सारी जमीन समतल हो गई। स्कूल के नल चलने लगे। कमरों की फर्श उधेड़कर वहां टाइल्स बिछा दी गई। गांव तक आने वाली सड़क में जहां कहीं भी गड्ढे थे वह अचानक भर गए। पाइप लाइन की लीकेज चंद घंटों में ही ठीक हो गई।

यह सब तो हुआ ही गांव में सौ शौचालय बनवाने का जो बजट निर्गत नहीं हो रहा था, वह भी अचानक बरस पड़ा। चौबीस घंटे में सारे शौचालय तैयार करने का फरमान आ गया। इसके अलावा प्रधानमंत्री आवास योजना के जो घर आधे अधूरे पड़े थे, उसके लिए भी लोगों को न मजदूर तलाश करने पड़े और न ही राजमिस्त्री सरकारी सिस्टम ने सब कुछ घंटों में तैयार करवा दिया। रंगाई पोताई और पसीना बहाते अफसरों को देखकर गांव वाले चकित नजर आए। अल सुबह से ही मुख्य विकास अधिकारी राजकमल यादव और पीडी डीआरडीए अर¨वद ¨सह गांव में डेरा डाले हुए थे। वे खुद गांव में घर-घर घूमकर शौचालय निर्माण से लेकर स्कूल में चल रहे काम का जायजा लेते नजर आए। बीच बीच में जिलाधिकारी शंभु कुमार भी आकर दिशा निर्देश देते रहे। रविवार की शाम ढलते ढलते गांव की गलियां साफ सुथरी हो गई थीं और दीवारों पर रंग रोगन चमकने लगा था। बंद लाइटों में रोशनी लौट आई थी और गांव के लोग यों घूम रहे थे मानो मेले का नजारा लेने आए हों। उधारी के सामग्री से शौचालयों का निर्माण

संसू, मकूनपुर : ग्राम पंचायत कंधई मधुपुर में कुल 1470 शौचालय का निर्माण होना था, लेकिन पैसों के अभाव में अब तक मात्र 50 शौचालय का ही निर्माण हो सका है। सीएम के कार्यक्रम को देखते हुए जब शनिवार को अफसरों ने बजट पंचायत के खाते में भेजा तो उसे निकालना संभव नहीं हो पाया। क्योंकि अवकाश के चक्कर में बैंक बंद थे। ऐसे में ग्राम प्रधान से लेकर अफसर तक उधार निर्माण सामग्री के भरोसे निर्माण कराते दिखे। दिखावा करोगे तो होगी शिकायत

संसू, मकूनपुर : गांव में जिस तेजी से विकास की गंगा बह रही थी, उसमें कहीं कहीं लापरवाही भी झलक रही थी। ऐसे में ग्रामीण भी कर्मचारियों, प्रधान व अफसरों को तेवर दिखा रहे थे। साफ कह रहे थे कि ढंग से काम नहीं हुआ तो सीएम से शिकायत होगी। सियासत की पहली बाजी सदर विधायक के हाथ

जासं, प्रतापगढ़ : मुख्यमंत्री जिले में आएंगे। यह कयास लंबे समय से लग रहा था, लेकिन वह किस विधानसभा में जाएंगे, यह तय नहीं था। सांसद दावा कर रहे थे कि सीएम चिलबिला आरओबी का शिलान्यास करेंगे, मगर सीएम के कार्यक्रम में कहीं यह बात शामिल नहीं है। ऐसे में जिस तरह से सीएम का पूरा कार्यक्रम सदर विधानसभा में सिमट गया, उससे सदर विधायक की अहमियत जिले की राजनीति में बढ़ी है। हालांकि जिस गांव में सीएम आएंगे, वहां से कैबिनेट मंत्री मोती ¨सह की विधानसभा भी सटी है। ऐसे में यहां का आगमन उनके प्रभाव से जोड़कर भी देखा जा रहा है।


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