ट्रैक्टर की चपेट में आने से सिपाही की मौत, साथी घायल
जिले के नवाबगंज थाने में तैनात दो सिपाही बुधवार को दिन में 11 बजे ब्रहमौली बाजार जा रहे थे। इ
जिले के नवाबगंज थाने में तैनात दो सिपाही बुधवार को दिन में 11 बजे ब्रहमौली बाजार जा रहे थे। इसी दौरान बांस-बल्ली से लदे ट्रैक्टर से उनकी बाइक टकरा गई। दोनों सिपाहियों को गंभीर अवस्था में रायबरेली जिले के ऊंचाहार स्थित एनटीपीसी ले जाया गया, जहां पर फिरोजाबाद के रहने वाले सिपाही को मृत घोषित कर दिया गया। वहीं दूसरे घायल सिपाही को लखनऊ स्थित ट्रामा सेंटर के लिए रेफर कर दिया गया। इस घटना से पुलिस विभाग में शोक की लहर दौड़ गई। वहीं प्रतापगढ़ पुलिस की तरफ से ऊंचाहार में ही मृत सिपाही अतुल के शव पर पुष्पचक्र चढ़ाकर सलामी दी गई और शव को स्वजनों के हवाले कर दिया गया।
फिरोजाबाद जनपद के सिरसागंज थाना क्षेत्र के ठारविसे गांव निवासी अतुल यादव (28) पुत्र सत्येंद्र यादव प्रतापगढ़ जिले के नवाबगंज थाने में बीते दस माह से सिपाही के पद पर तैनात था। वह बुधवार को दिन में 11 बजे अपने सहकर्मी सिपाही राम अवतार (25) पुत्र किशन यादव निवासी कटघर सेजर थाना चिरैयाकोट जनपद मऊ के साथ बाइक से पिकेट ड्यूटी पर ब्रहमौली बाजार जा रहा था। दोनों सिपाही अभी हरदेव नगर के पास पहुंचे ही थे कि सामने से आ रहे बांस-बल्ली से लदे अनियंत्रित ट्रैक्टर की चपेट में उनकी बाइक आ गई। टक्कर इतनी जोरदार थी कि दोनों सिपाही बाइक के साथ ट्रैक्टर ट्राली के नीचे चले गए। दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए। ट्रैक्टर चालक भाग निकला। आसपास के लोगों की मदद से सिपाहियों को ट्रैक्टर के नीचे से बाहर निकाला गया। इस घटना की सूचना नवाबगंज पुलिस को दी गई। सूचना मिलते ही नवाबगंज थाना के एसओ अखिलेश प्रताप सिंह मौके पर पहुंचे और घायल सिपाहियों को इलाज के लिए एनटीपीसी ऊंचाहार (रायबरेली) ले गए। वहां पर चिकित्सकों ने सिपाही अतुल को मृत घोषित कर दिया, जबकि गंभीर रूप से घायल सिपाही राम अवतार को लखनऊ स्थित ट्रामा सेंटर के लिए रेफर कर दिया गया। सिपाही अतुल की मौत की खबर सुनते ही पुलिस विभाग में कोहराम मच गया। सिपाही अतुल की पत्नी लक्ष्मी अपने पति की मौत की खबर सुनते ही गश खाकर गिर पड़ी। उसे भी स्वजनों के साथ फिरोजाबाद भेज दिया गया। एएसपी (पश्चिमी) दिनेश दुबे के मुताबिक वह फोर्स के साथ ऊंचाहार गए और जिले की पुलिस विभाग की तरफ से सिपाही अतुल के शव पर पुष्प चक्र चढ़ाकर सलामी दी गई। शव को स्वजनों को सौंप दिया गया।