शहनाई की तारीखें कम, व्यवस्था में फूल रहा दम
कोरोना काल में रुके मांगलिक आयोजनों की अब धूम मचने वाली है। शादी तिलक गृह प्रवेश गोदभराई मुंडन जैसे आयोजनों की तारीखें इस बार कम हैं। ग्रहों की चाल ऐसी है कि नवंबर व दिसंबर में मिलाकर छह-सात शुभ मुहूर्त ही हैं। इसी में सबको करना है। इसके चलते आयोजकों का दम फूल रहा है।
जागरण संवाददाता, प्रतापगढ़ : कोरोना काल में रुके मांगलिक आयोजनों की अब धूम मचने वाली है। शादी, तिलक, गृह प्रवेश, गोदभराई, मुंडन जैसे आयोजनों की तारीखें इस बार कम हैं। ग्रहों की चाल ऐसी है कि नवंबर व दिसंबर में मिलाकर छह-सात शुभ मुहूर्त ही हैं। इसी में सबको करना है। इसके चलते आयोजकों का दम फूल रहा है।
इस बार नवंबर में 27, 29 व 30 तारीख पर बहुत जोर है। इसी दिन अधिकांश लोगों ने अपने आयोजन तय कर रखे हैं। उसमें भी 30 नवंबर को तो इतनी तेज लगन है कि हर कोई व्यस्त है। कोई अपने घर पर तो कोई रिश्तेदार के यहां की व्यवस्था संभालेगा। कोई मित्र के यहां के आयोजन में दौड़ रहा है। इसी प्रकार दिसंबर में छह, आठ, नौ दिसंबर को जिले में हजारों शादियां हैं। ऐसे में लोग मैनेज करने में परेशान हैं। रिश्तेदारों को एक दिन में कई जगह का संबंध संजोना है। न पहुंचने पर या बुलाने में भूल हो जाने पर कोई नाराज न हो जाए यह भी चिता है। दैनिक जागरण ने इस आपाधापी को लेकर पड़ताल की।
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कार छोड़िए, जीप भी नहीं
बरात ले जाने के लिए ट्रेवल एजेंसी में वाहनों का टोटा है। स्थापित ही नहीं छोटे एजेंसी संचालक भी वाहन नहीं दे पा रहे हैं। व्यस्त तारीखों में लग्जरी कार तो अब मिलने से रही, पुराने माडल की जीप तक नहीं मिल पा रही है, क्योंकि सब बुक है। एजेंसी संचालक अवधेश उपाध्याय, विजय यादव से बात की गई तो वह कहने लगे कि गाड़ी अब नहीं है। वैसे भी कोरोना को देखते हुए गाड़ियों में पहले की अपेक्षा कम लोगों को बैठाया जाएगा, जिससे चार गाड़ी की जगह लोगों को छह बुक करनी पड़ी है। लोगों को कोरोना के बारे में बता भी रहे हैं। शासन के निर्देश का पालन होगा।
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बुकिग वालों को दे रहे मैसेज
शादी में 100 लोगों के ही जा पाने की शर्त ने मैरेज हाल वालों को सजग कर दिया है। अब वह बुकिग करा चुके लोगों को मैसेज देकर अलर्ट कर रहे हैं कि वह शादी-विवाह के आयोजनों को लेकर कोविड-19 के नियमों का पालन करें। शिवम मैरेज हाल के संचालक राजेंद्र तिवारी का कहना है कि जो लोग बुकिग कराए हैं, उनको मैसेज भेज रहे हैं। सरकार के निर्देश के क्रम में शारीरिक दूरी को ध्यान में रखकर लोगों को बुलाने को कह रहे हैं। इसी तरह किशोरी सदन के संचालक श्याम लाल खंडेलवाल का कहना है कि परिसर में काफी जगह है। कोविड के नियमों का पालन करते हुए शादी-विवाह के आयोजन कराए जाएंगे।
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अब न मिलेगा बैंड बाजा
बैंड बाजा वाले बहुत बिजी रहेंगे। इसके लिए एक दिन में दो लगन लिए हैं। बैंड संचालक बरकत अली कहते हैं कि 30 वाली बुकिग में तीन गाड़ी जाएगी। दो में स्टाफ रहेगा, एक में हम जाएंगे। कहीं शाम सात बजे तक द्वार पूजा को कहा है तो कहीं नौ बजे रात जाना है। ऐसे मैनेज कर रहे हैं। अब तो बुकिग संभव ही नहीं है। न बैंड बचा है, न कलाकार। साथ ही हमारे बैंड में जो भी लोग भेजे जाते हैं, उनको सैनिटाइजर व मास्क दिया जाएगा। जो लापरवाही करेगा, उनको बाहर किया जाएगा। बैंड संचालक जमालुद्दीन कहते हैं कि कोरोना के चलते कई बुकिग कैंसिल करनी पड़ी। शासन से जो गाइड लाइन मिली है, उसका कड़ाई से पालन किया जाएगा।
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रिश्ते निभाने हैं तो करेंगे भागदौड़
लगन की कमी का असर केवल आयोजकों व बैंड, बाजा, मैरेज हाल वालों पर ही नहीं है। वह लोग भी तनाव में हैं जिनको केवल निमंत्रण अटेंड करना है। एक ही दिन, एक ही समय में कहां-कहां जाएं इस पर वह अभी से ही प्लान कर रहे हैं। व्यवसायी अनिल खंडेलवाल का कहना है कि सभी निमंत्रण में जाना है। ऐसे में कहीं हम जाएंगे कहीं, परिवार के लोगों को भेजकर मैनेज करेंगे। पूर्व प्रधानाचार्य शारदा प्रसाद मिश्र कहते हैं कि किसी जगह दिन में ही चले जाएंगे, कहीं रात में पहुंचेंगे। क्या किया जाए लगन ही ऐसी है।