सीता की चूड़ामणि देख राम के छलके नयन
अजगरा प्रतापगढ़ सीता की चूड़ामणि देख राम के आंसू छलक पड़े। हनुमान से सीता का हालचाल लिया।
अजगरा, प्रतापगढ़ : सीता की चूड़ामणि देख राम के आंसू छलक पड़े। हनुमान से सीता का हालचाल जाना और रावण का वध करके सीता को वापस लाने का संकल्प लिया। सरायआना देव में चल रही रामलीला में कलाकारों की भावपूर्ण प्रस्तुति पर दर्शक मुग्ध दिखे। इधर अंगद-रावण संवाद का मंचन दर्शकों ने खूब पसंद किया। समिति के अध्यक्ष माताफेर सिंह स्वंय रावण का किरदार निभाते हुए अंगद से संवाद पर अंगद ने नैतिकता का पाठ पढ़ाते हुए प्रभु राम की शरण में जाने की नसीहत दी। वहीं समुद्र पर नल-नील द्वारा सेतु बनाने के बाद राम की सेना लंका में पहुंच कर युद्ध की योजना बनानी शुरु की। इधर लंका की रानी मंदोदरी के रावण को लाख समझाने के बाद भी वह नहीं माना। रावण ने राम से युद्ध करने की ठान ली।
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गुरु वही जो ज्ञान के मार्ग बताए
संसू, सगरासुंदरपुर : गुरु की कृपा होने पर मानव समस्त सुखों का उपभोग करते हुए मोक्ष को प्राप्त करता है। गुरु का स्थाना परमात्मा से ऊपर है। यह बातें क्षेत्र के हंडौर में चल रही रामकथा में आचार्य संतोष महराज ने कहीं। उन्होंने कहा कि मनुष्य के गुरु तीन प्रकार के होते है, जिसमें पहला गुरु माता-पिता, दूसरा गुरुकुल का गुरु तीसरा गुरु ज्ञान है। जो ज्ञान के मार्ग बताए, वही हमारा गुरु है। आयोजक भोलानाथ तिवारी व सावित्री देवी ने सभी का स्वागत किया।