ढलते दिवाकर को अर्घ्य देकर छठ मैया से मांगी सुख-समृद्धि
डाला छठ पर व्रती महिलाओं ने निर्जल रहते हुए छठ मैया का पूजन किया। नगर के बेल्हा देवी धाम में आस्था का सैलाब तो रहा पर सजग महिलाओं ने इसे मेले का स्वरूप नहीं लेने दिया। ढलते हुए भगवान भाष्कर का पूरी आस्था पर सादगी से पूजन करके छठ माता का आशीर्वाद लिया।
जागरण संवाददाता, प्रतापगढ़ : डाला छठ पर व्रती महिलाओं ने निर्जल रहते हुए छठ मैया का पूजन किया। नगर के बेल्हा देवी धाम में आस्था का सैलाब तो रहा, पर सजग महिलाओं ने इसे मेले का स्वरूप नहीं लेने दिया। ढलते हुए भगवान भाष्कर का पूरी आस्था, पर सादगी से पूजन करके छठ माता का आशीर्वाद लिया।
इस बार का छठ उत्सव कोरोना के कारण बहुत विस्तार नहीं ले सका, पर व्रत रखने, पूजन करने, माता के मंगलगीत गाने का उत्साह कहीं से भी कम न रहा। पूर्वांचल के परिवारों की महिलाओं ने सनातन परंपरा का निर्वहन पूरे मन से किया। बुधवार से शुरु हुआ इनका चार दिनी यह लोक आस्था का पर्व शुक्रवार की संध्या में खास उत्साह लेकर आया। घर से डाला सजाकर महिलाएं स्वजनों के संग धाम पहुंचीं। सायंकाल सवा पांच बजे सूर्यास्त का समय था तो इसके पहले ही वह पश्चिम की ओर मुख करके खड़ी हो गईं। सूरज का पूजन किया। उनको जल का अर्घ्य देकर जीवन में सुख, शांति, आरोग्यता, समृद्धि का प्रकाश मांगा। नदी का घाट छठ माता के गीतों से गुजित हो गया।
इस मौके पर छठ पूजा व्यवस्था समिति के लोग लगातार सतर्क रहे। नवनिर्वाचित संरक्षक राजा पंडा मुख्य पुजारी व अध्यक्ष विष्णु सोनी की देखरेख में स्वयंसेवकों ने योगदान दिया। महामंत्री अनिल सोनी, कोषाध्यक्ष सुभाष, वरिष्ठ उपाध्यक्ष रघु पंडा, उपाध्यक्ष सुरेश भारती, मंत्री पंकज कौशल, मंत्री लवकुश सोनी, मीडिया प्रभारी गौतम शर्मा, सूर्य प्रकाश, विनोद रंजन ने कोरोना महामारी को देखते हुए सादगी के साथ छठ पूजा के पहले चरण को संपन्न कराने में सहयोग किया।
--रिकी ने दिया अलग संदेश
शहर के छठ पूजन में इस वर्ष पहली बार एक नया अध्याय जुड़ा। असम गुवाहाटी की रहने वाली रिकी किन्नर ने भी छठ माता का पूजन किया। वह कई साथी किन्नरों के साथ कई साल से प्रतापगढ़ में रहती है। मांगलिक अवसरों पर उपहार मांगकर भरण पोषण करती है। उसने इस बार पूजन करके यह संदेश दिया कि आस्था की राह में सब बराबर हैं।
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करते रहे लगातार अलर्ट
भीड़ को नियंत्रित करने के लिए लगातार माइक से निर्देश दिया। पुलिस व प्रशासन के साथ ही नगर पालिका परिषद बेला की टीम भी लगी रही। इसके बाद शनिवार को उगते सूरज का पूजन करके व्रत का समापन किया जाएगा।
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बहुओं को सास ने किया गाइड
जिनके घर में हाल ही में बहू आई उनकी सास परंपरा के बारे में उनको बताती रहीं। पूजन कैसे करना है इसके लिए सास खुद ही नदी में उतर गईं। घाट पर छठ पूजन में आईं सीता सोनी, अनुराधा सोनी, कविता, प्रेमलता, रीता, गीता, रंजना, आराधना, शारदा देवी, प्रतिमा, शोभा देवी, सौम्या, देवाली, रेनू, सोनी समेत महिलाएं गीत गाती रहीं।
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नहीं लगे प्रसाद के काउंटर
कोरोना महामारी को देखते हुए इस वर्ष प्रसाद का वितरण नहीं हुआ। व्यवस्था समिति ने कोई काउंटर नहीं लगाया। कोई सांस्कृतिक कार्यक्रम भी अबकी आयोजित नहीं किए गए। रात में यहां इस बार व्रती महिलाएं रहेंगी भी नहीं।