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रोली, अक्षत और राखी सब एक ही थाली में

रक्षाबंधन का पर्व नजदीक है। घरों में इसका उल्लास धीरे-धीरे दस्तक दे रहा है। बाजार में इस बार नए ढंग की राखियां सजी हैं। इनमें सबसे आकर्षक है राखी की सजी-सजाई स्टील की प्रिटेड थाली। फैंसी राखियों को लोग अधिक पसंद कर रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 31 Jul 2020 10:26 PM (IST)Updated: Fri, 31 Jul 2020 10:26 PM (IST)
रोली, अक्षत और राखी सब एक ही थाली में
रोली, अक्षत और राखी सब एक ही थाली में

प्रतापगढ़ : रक्षाबंधन का पर्व नजदीक है। घरों में इसका उल्लास धीरे-धीरे दस्तक दे रहा है। बाजार में इस बार नए ढंग की राखियां सजी हैं। इनमें सबसे आकर्षक है राखी की सजी-सजाई स्टील की प्रिटेड थाली। फैंसी राखियों को लोग अधिक पसंद कर रहे हैं।

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राखी थाल में सब कुछ है। अक्षत भी है और रोली का टीका करने का इंतजाम भी। बड़ी सी राखी भी पैक में है। यह पूरी थाली औसतन 300 रुपये की है। इसके अलावा तिरंगा राखी, तुलसी राखी, स्टोन राखी, चंदन राखी भी बाजार में हैं। महिलाएं अपनी पसंद से खरीद रही हैं। जिले में लॉकडाउन लागू है। ऐसे में इस बार राखी की दुकानें पहले की तरह चमकती नहीं दिख रही हैं। ठेले पर गलियों में ही किसी तरह दुकानें लग पा रही हैं। पुलिस को देखते ही दुकानदार दुबक जाते हैं। उनका सीजनल व्यवसाय इस बार फीका ही है।

कोरोना काल में बहनों के सामने इस बार कड़ी चुनौती है कि वह कोरोना से बचते हुए भाई की चौखट तक पहुंचें कैसे। ट्रेन बंद हैं। बसों में सफर करना जोखिम भरा है। वैसे योगी सरकार इस बार भी 24 घंटे तक बिना पैसे के महिलाओं को राखी पर रोडवेज बस में सफर करने का उपहार दे सकती है। अब तक ऐसा आदेश तो यहां नहीं आया है, पर परिवहन निगम के अफसर भी मान रहे हैं कि आदेश आ ही जाएगा।

यह है रक्षाबंधन का मुहूर्त

रक्षाबंधन का पर्व तीन अगस्त सोमवार को है। पूरे दिन का मुहूर्त है। आचार्य आलोक मिश्र बताते हैं कि श्रावण शुक्ल पक्ष की पूíणमा सुबह 08:28 बजे से रात 08:20 बजे तक लगी रहेगी। इस समय में कभी भी बहनें भाई की कलाई पर नेह की डोर सजाएं। इसके साथ ही सुबह 09 बजे से 11 बजे तक यानि दो घंटे का समय अधिक शुभकारी माना गया है।

चाइनीज राखियों को ना

इस बार राखी की तैयारी पर भारत-चीन सीमा विवाद और तनातनी का असर है। चाइनीज राखियों को तो न दुकानदार पूछ रहे हैं, न ग्राहक ही मांग रहे हैं। आम तौर पर रक्षाबंधन पर एक महीने पहले से ही बाजार में चहक उठते थे। राखी की थोक व फुटकर दुकानें सज जाती थीं। बहनें अपने भैया की कलाई सजाने को राखी चुनने पहुंचने लगती थीं। इस बार माहौल बिल्कुल अलग है। इस बार जो दुकानें खुली भी हैं वहां देसी राखी की मांग है।

नेह की डोर संग मिठाई ऑनलाइन

कोरोना काल में आए राखी के पर्व को बहनें हाईटेक बना रही हैं। वह अपने भैया के लिए ऑनलाइन राखी खरीद रही हैं। उसमें डिलिवरी का पता भाई के घर का दे रही हैं, ताकि वह कंपनी से सीधे वहां पहुंच जाए। कुछ कंपनियों ने तो तीन सौ से लेकर सात सौ में राखी पैक तैयार किया है। इसमें राखी व काजू की मिठाई पैक है।


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