ट्रैक्टर ट्राली के चपेट मे आने से युवक की मौत
संसू, गौरा, प्रतापगढ़ : ट्रैक्टर ट्राली के चपेट में आने से बाइक सवार युवक की मौत हो गई।
संसू, गौरा, प्रतापगढ़ : ट्रैक्टर ट्राली के चपेट में आने से बाइक सवार युवक की मौत हो गई। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। घटना फतनपुर बाजार में रविवार को सुबह साढ़े 10 बजे की है। घटना से घर में चीख पुकार मची है। मामले में युवक के नाना ने तहरीर देकर ट्रैक्टर चालक के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कराई है।
रानीगंज थाना क्षेत्र के धनुहां गांव निवासी राहुल यादव उर्फ ¨रकू (22)पुत्र अमर बहादुर यादव फतनपुर थाना क्षेत्र के पूरेगोसाई में अपने ननिहाल गया था। रविवार को उसके मामा रविशंकर की सगाई का कार्यक्रम तिवारीपुर कलीमुरादपुर में था। इसी की तैयारी चल रही थी। वह अपनी मां को धनुहा ले जाने के लिए बाइक से जा रहा था, जैसे ही वह फतनपुर बाजार पहुंचा हाईवे पर बादशाहपुर की ओर से लाइट का सामान लेकर जा रहे ट्रैक्टर ने उसे जोरदार टक्कर मार दी। इससे राहुल ट्राली के चक्के के नीचे चला गया। आसपास के लोगों ने दौड़कर ट्रैक्टर को रोका और एंबुलेंस से राहुल को गौरा अस्पताल ले गए, जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। सूचना पर ननिहाल से उसके उसके नाना अमरनाथ यादव व परिवार के लोग पहुंचे, फिर धनुहा से उसकी मां तथा बहन भी अस्पताल पहुंचीं और शव से लिपटकर दहाड़े मार कर रोने लगीं। मृतक के नाना अमर बहादुर ने ट्रैक्टर व चालक के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कराई है। पुलिस ने ट्रैक्टर को अपने कब्जे में ले लिया है। एसओ जेपी शर्मा का कहना है कि तहरीर के आधार पर रिपोर्ट दर्ज की गई है।
पेटिंग कर चलाता था घर का खर्च
राहुल के पिता अमर बहादुर रोजी रोटी के सिलसिले में मुंबई में रहते हैं। घर पर राहुल व उसकी मां शीला तथा दोनों बहनें खुशबू 19 व खुशी 15 रहती है। इनमें राहुल ही सबसे बड़ा था। वह ननिहाल में अपने नाना अमर नाथ के साथ पूरेगोसाईं गांव में ही ज्यादातर रहता था। ननिहाल के लोग उसे बहुत मानते थे। वह कक्षा आठ तक पढ़ाई करने के बाद पें¨टगकर घर का खर्च चलाता था। उसके मामा रविशंकर पटना में रहते हैं। रविशंकर की शादी के लिए रविवार को सगाई का कार्यक्रम था। उसी में वह शिरकत करने गया था। नाना के साथ तैयारी में लगा था। कुछ देर पहले मौसी को लिवाकर आया था फिर मां को ले आने धनुहां जा रहा था कि रास्ते में उसकी मौत हो गई। राहुल की मौत से उसके घर का चिराग बुझ गया। अस्पताल से लेकर घर तक चीख पुकार की गूंज रही और मामा के सगाई की खुशियां गम में बदल गई।