रामलीला मैदान में नहीं मिल रही झूला लगाने की अनुमति
दशहरा के मौके पर शहर के रामलीला मैदान में लगने वाले झूले इस बार कब लग पाएं
प्रतापगढ़ : दशहरा के मौके पर शहर के रामलीला मैदान में लगने वाले झूले इस बार कब लग पाएंगे, अभी तय नहीं है। जिला प्रशासन ने अभी तक झूला लगाने वालों को इसकी अनुमति नहीं दी है।
दरअसल रामलीला मैदान भारतीय सेना की संपत्ति है। प्रयागराज के किले में स्थित सैन्य मुख्यालय से इसकी देखरेख की जाती है। सेना ने लीज पर इस मैदान को धार्मिक और सामाजिक कार्य के लिए रामलीला समित को दिया है। वैसे इस पर भारी अतिक्रमण है। निजी वाहनों का अड्डा, बांस का कारोबार तो है ही झुग्गी झोपड़ी में अराजकतत्वों ने भी बसेरा कर रखा है। गंदगी का अंबार भी यहां लगा हुआ है। इसी को साफ करके रामलीला समिति अपना कार्यक्रम संपन्न करती है। दशहरे का सबसे बड़ा मेला यहीं पर लगता है। इस बार दशहरा आठ अक्टूबर को है और अभी तक रामलीला समिति को झूले लगाने की अनुमति प्रशासन ने नहीं दी है।
झूला लगाने वाले कारोबारी आवेदन करके मनोरंजन विभाग में उसका टैक्स जमा कर चुके हैं। प्रशासन ने यह कहकर अनुमति का अनुरोध नामंजूर कर दिया है कि रामलीला मैदान के संबंध में कोई कागज पेश करें, तभी अनुमति दी जा सकेगी। इससे झूला संचालन मुश्किल में हैं कि अगर देर से अनुमति मिली तो वह हवा से बातें करने वाले झूलों का ढांचा कैसे खड़ा कर पाएंगे। इस बारे में रामलीला समिति के संरक्षक संजय खंडेलवाल का कहना है कि जिला प्रशासन को कागज उपलब्ध कराया जाएगा। रामलीला मैदान को विधिक रूप से समिति ने लिया है। कोई समस्या नहीं है।