राम भक्तों ने मनाई दिवाली, हर कोने में जयकारे
प्रभु राम का मंदिर बनना शुरू हुआ तो बेल्हा मगन हो गया। यहां के घर-घर में राम जी की स्तुति गाई जाने लगी। सांझ ढली तो दीये जल उठे। पूरा जिला भक्ति आस्था व आनंद के प्रकाश से अलौकित हो उठा।
जागरण संवाददाता, प्रतापगढ़ : प्रभु राम का मंदिर बनना शुरू हुआ तो बेल्हा मगन हो गया। यहां के घर-घर में राम जी की स्तुति गाई जाने लगी। सांझ ढली तो दीये जल उठे। पूरा जिला भक्ति, आस्था व आनंद के प्रकाश से अलौकित हो उठा।
दो दिन पहले से ही लोग पांच अगस्त का इंतजार कर रहे थे। जिले के कोने-कोने में केसरिया झंडियां लहराने लगी थीं। मंदिरों में रंग-रोगन होने लगा। चौराहों, तिराहों, बाजारों में लोग बस इसी की बात कर रहे थे। जब वह बेला आई तो लोग भाव विभोर हो गए। राम मय होकर वह भजन-कीर्तन और राम चरित मानस का पाठ करने लगे। ढोल, मंजीरा, झांझ बजाकर मगन होकर राम का बखान किया। शहर तो शहर गांव-गांव में अयोध्या नगरी सा उल्लास दिखा। मर्यादा पुरुषोत्तम का मंदिर बनने की प्रसन्नता में बेल्हा का जन-जन आनंदित हो गया। भजन में उनका आनंद के स्वर झंकृत हो उठे। रोम-रोम हर्षित हो गया। राम दरबार सजाकर दीये जलाए गए। दिवाली मनाकर वह बहुत सुख की अनुभूति किए। राम की महिमा गाई और उत्सव मनाया। यह कोरोना न होता तो जन उल्लास की गूंज इससे कई गुना अधिक होती। तब पुलिस-प्रशासन के लिए भी यह दिन चुनौती वाला होता।