माह-ए-रमजान की हुई तैयारी, घरों में इबादत
माह-ए-रमजान की मुबारक घड़ी आ गई है। अकीदतमंद रोजे रखने की तैयारी में हैं। चार घंटे के लिए खुल रही दुकानों पर शुक्रवार को जरूरी सामान खरीदने को लोग पहुंचे।
जागरण संवाददाता, प्रतापगढ़ : माह-ए-रमजान की मुबारक घड़ी आ गई है। अकीदतमंद रोजे रखने की तैयारी में हैं। चार घंटे के लिए खुल रही दुकानों पर शुक्रवार को जरूरी सामान खरीदने को लोग पहुंचे।
शहर के फल मंडी के सामने खजूर और सिवई की दुकानें लगीं। यहां भीड़ अधिक होने की संभावना को देखते हुए पुलिस पहले से सतर्क थी। वह लोगों को बराबर दूरी बनाकर सामान खरीदने को सचेत कर रहे थे। लोगों ने जरूरत के अनुसार सिवई, खजूर, किराना के सामान व फल आदि खरीदे। मस्जिदों में लॉकडाउन के चलते सन्नाटा है। इस्लामी धर्मगुरुओं संग प्रशासन ने बैठक करके तरावीह की नमाज व रोजे में हर दिन की नमाज घरों में पढ़ने की अपील की है। ऐसे में इस बार मस्जिदों में रमजान की कोई तैयारी नहीं है। तरावीह की नमाज है सुन्नते मुवक्कदा
संसू, पट्टी : रमजान में पढ़ी जाने वाली विशेष नमाज तरावीह सुन्नते मुवक्कदा है। यह नबी सल्लललाहो अलैह वसल्लम का एक बेहतरीन सुन्नत है, लेकिन जमात से तरावीह की नमाज के पढ़ने की परंपरा नबी सल्ला सल्लम के जमाने में नहीं थी। उक्त बातें मदरसा जियाउल उलूम चांदपुर तुरकान के कारी साबिरुल कादिरी ने लॉकडाउन के दौरान मस्जिदों में इकट्ठा होकर तरावीह पढ़ने पर रोक लगाने की सलाह देते हुए कही। बताया कि रमजान का चांद देखकर ईशा के बाद तरावीह की नमाज की शुरुआत करते थे और शव्वाल माह (ईद) का चांद देखकर इसे समाप्त करते थे। आसारे सहाबा हदीस में मिलता है कि एक दिन हजरत उमर रमजान के महीने एक रात को एक बस्ती से गुजर रहे थे देखा एक मस्जिद में देर रात नमाज जमात से हो रही है। उन्होंने सोचा कि ईशा की नमाज का समय तो खत्म हो गया है यहां लोग क्या पढ़ रहे हैं। लोग मुसल्ले से फारिग हुए तो हजरत उमर ने उनसे पूछा। लोगों ने कहा कि हम लोग तरावीह की नमाज जमात से पढ़ रहे थे। इस पर उन्होंने कहा कि यह बहुत अच्छी बिदत है, जिससे शौकते इस्लाम में इजाफा होगा। तभी से तरावीह की नमाज जमात के साथ पढ़ना जरूरी हो गया। कादिरी ने कहा कि अब कोराना के चलते लॉकडाउन के समय रमजान के इस पाक महीने में हम घर पर रहकर अधिक से अधिक इबादत करें। तरावीह की नमाज औरत व मर्द दोनों पर लाजिमी है। इस बार रोजेदारों का कठिन इम्तेहान
संसू, पट्टी : रमजान का महीना मोमिनों के लिए अधिक सवाब वाला होगा। तपिश भरी गर्मी में शुरू होने से इम्तेहान बहुत कठिन है। इस वर्ष के रमजान के महीने में रोजेदारों को 14 घंटे 21 मिनट तक भूख और प्यास को बर्दाश्त करते हुए अपने सब्र का इम्तेहान देना होगा।
मुस्लिम कैलेंडर चक्रानुसार चलते हैं। प्रत्येक महीने में 10 दिन का फर्क प्रति वर्ष आता है। ऐसे में एक बार आया समय दूसरी बार पुन: 36 वर्ष बाद आता है। इस वर्ष का रमजान महीना 36 वर्ष पूर्व के रमजान महीने की पुनरावृत्ति है।
इसके पूर्व वर्ष 1984 में अप्रैल में इतनी लंबी अवधि का रोजा था। इस बार पहले दिन से ही रोजेदार को गर्मी के इस महीने में अपने सब्र का इम्तेहान देते हुए 14 घंटे 21 मिनट तक खाने व पीने से परहेज करना होगा। जामा मस्जिद के पेश इमाम हाफिज रिजवान ने बताया कि इस बार रमजान में रोजा रखने की मियाद अधिक है। गुनाहों से बचाने वाला है रमजान का रोजा
संसू, पट्टी : रमजान का रोजा इंसान को जिस्मानी लाभ के साथ उसे गुनाहों से बचाने वाला भी बनाता है और जो बच गया, समझिए वह दुनिया के इंसानी जिदगी में कामयाब हो गया। मरने के बाद आखिरत में जो जितना तकवेदार होगा वह उतना ही अल्लाह पाक के रहम का हकदार होगा। उक्त बातें जामा मस्जिद मुतवल्ली हाजी सहीद खां ने रमजान माह की फजीलतों को बताते हुए कही। उन्होंने आगे कहा कि अल्लाह तआला ने दुनिया में जितनी भी चीजें उतारी है। उन सभी का एक खास मकसद है। इसी में रमजान माह का रोजा भी है। इसके लिए हुक्म देने के साथ अल्लाह पाक ने इसकी भलाई भी बता दी थी। रमजान को लेकर रोजेदार उत्साहित
संसू, रानीगंज : रमजान का पवित्र महीना शुरू होने जा रहा है। रोजेदार रोजा रखकर अल्लाह की इबादत करेंगे। इसको लेकर मस्जिदों कि सुरक्षा बढ़ गई है। नरसिंहगढ़ गांव की मस्जिदों को खास तौर पर सैनिटाइज किया गया। यहां 13 जमाती मिले थे जिसमें कोरोना पाजिटिव पाए गए थे।
रमजान के शुरुआत के पहले गांव मे सफाई का काम जोरों पर चल रहा है। तहसीलदार श्रद्धा पांडेय, सीओ डा. अतुल अंजान त्रिपाठी व एसओ संजय पांडेय ने नरसिंहगढ़ गांव का निरीक्षण किया और लोगों से सोशल डिस्टेंसिग बनाने की अपील की। मस्जिदों पर सन्नाटा, पुलिस चौकन्नी
संसू, लालगंज : शुक्रवार को जुमे की नमाज को लेकर लालगंज पुलिस पूरी सतर्कता बरतती रही। लोगों ने घरों में जुमे की नमाज अदा किया। लालगंज कस्बा के हाईवे पर स्थित मस्जिद, खानापट्टी, खालसा सादात, सांगीपुर, मुस्ताफाबाद, उस्मानपुर, रानीगंजकैथौला, सगरासुंदरपुर, बाबूगंज, जलेशरगंज, धारुपुर, अजगरा आदि क्षेत्र की मस्जिदों के अंदर व बाहर साफ सफाई की गई।