गणतंत्र दिवस पर पुलिस को मिलेगी थ्री नॉट थ्री रायफल से आजादी
गणतंत्र दिवस पर पुलिस महकमे को अंग्रेजों के जमाने की थ्री नॉट थ्री रायफल से आजादी मिल जाएगी।
दिनेश सिंह, प्रतापगढ़ : गणतंत्र दिवस पर पुलिस महकमे को अंग्रेजों के जमाने की थ्री नॉट थ्री रायफल से आजादी मिल जाएगी। यह रायफल आखिरी बार गणतंत्र दिवस की परेड में दिखेगी।
बदलते जमाने के साथ अपराध के बदलते ट्रेंड को देखते हुए पुलिस महकमे के आधुनिकीकरण का सतत प्रयास चल रहा है। इसके तहत पुलिस को लग्जरी गाड़ियों के साथ आधुनिक शस्त्र भी मुहैया कराये जा रहे है। इसी कड़ी में पुलिस महकमे को थ्री नॉट थ्री रायफल से आजादी दिलाई जा रही है। इस रायफल का प्रयोग करने में सिपाहियों को काफी मशक्कत करनी पड़ती थी। वजनी होने के साथ ही फायर करने के लिए दोनों हाथों का इस्तेमाल करना पड़ता था।
पूरे जिले में महिला थाने को छोड़कर कुल 20 थाने हैं। औसतन प्रत्येक थाने में 15 से 20 थ्री नॉट थ्री रायफल हैं। थानों सहित पूरे जिले में थ्री नॉट थ्री रायफलों की संख्या करीब 700 हैं। इन रायफलों को अब जमा कराया जा रहा है। इसकी वजह है कि थ्री नॉट थ्री रायफल का इस्तेमाल पुलिस महकमे में अब नहीं होगा। आखिरी बार यह रायफल गणतंत्र दिवस पर होने वाली पुलिस लाइन की परेड में दिखेगी। परेड में इस रायफल की खासियत पर प्रकाश डालते हुए पुलिस महकमा इससे विदा ले लेगा।
इस रायफल की जगह अब हर थानों को इंसास (इंडियन स्माल आर्म्स सिस्टम) और एसएलआर (सेल्फ लोडिग रायफल) दी जा रही है। तकरीबन सभी थानों को इंसास और एसएलआर मुहैया करा दी गई है। जिले में कुल करीब 800 इंसास और 100 एसएलआर है। सौ इंसास और 40 एसएलआर पुलिस लाइन में रिजर्व रखी गई हैं। थ्री नॉट थ्री में हैं कुछ खामियां
-पुरानी होने के कारण इस रायफल की मरम्मत में दिक्कत आ रही थी।
-खराब होने पर मरम्मत के लिए आयुध कारखाना सीतापुर भेजना पड़ता था।
-बोल्ट एक्शन वाली रायफल है, इसलिए एक बार फायर करने पर रुकना पड़ता था।
-फायर करने के लिए दोनों हाथों का प्रयोग करना पड़ता था। यह जोर का झटका देती थी।