मोहर्रम के दिन भंडारे की आशंका पर मांगा अधिक पुलिस बल
क्षेत्र के शेखपुर आशिक गांव में मोहर्रम के दिन होने वाले भंडारे को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई है। हर साल की तरह इस बार भी हनुमान मंदिर शेखपुर के आसपास केसरिया झंडा लगा दिया गया है। ऐसे में भंडारे की आशंका को लेकर पुलिस प्रशासन सतर्क हो गया है। मोहर्रम के दिन के लिए एसपी से भारी तादाद में पुलिस बल की मांग की गई है। मोहर्रम के दिन ही एक बंदर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
संसू, कुंडा, प्रतापगढ़: क्षेत्र के शेखपुर आशिक गांव में मोहर्रम के दिन होने वाले भंडारे को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई है। हर साल की तरह इस बार भी हनुमान मंदिर शेखपुर के आसपास केसरिया झंडा लगा दिया गया है। ऐसे में भंडारे की आशंका को लेकर पुलिस प्रशासन सतर्क हो गया है। मोहर्रम के दिन के लिए एसपी से भारी तादाद में पुलिस बल की मांग की गई है।
मोहर्रम के दिन वर्ष 2015 में शेखपुर आशिक गांव स्थित हनुमान मंदिर पर भंडारा भी हुआ था, जुलूस भी निकाला गया था। इसके बाद वर्ष 2016 में शेखपुर में भंडारा तो हुआ, लेकिन ताजियादारों ने ताजिया उठाने से मना कर दिया। प्रशासन के काफी प्रयास के बाद भी ताजिया नहीं उठाया गया था। इसके बाद प्रशासन ने वर्ष 2017 से भंडारे पर प्रतिबंध लगा दिया। पुलिस प्रशासन के चलते भंडारा नहीं हुआ। ऐसे में जब भी मोहर्रम आता है तब-तब भंडारे की चर्चा शुरू हो जाती है। इस बार मोहर्रम 10 सितंबर को है। ऐसे में एक बार फिर भंडारा कराए जाने की आशंका जताई जा रही है। ऐसे में भंडारे को रोकने के लिए प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है। इसके लिए जिले के साथ ही आसपास के जनपदों से भारी पुलिस बल बुलाई जाएगी। मोहर्रम के दिन कुंडा में दो एएसपी, दो सीओ, 12 निरीक्षक, 17 एसओ, 150 कांस्टेबल, डेढ़ कंपनी पीएसी, 30 महिला कांस्टेबल, तीन फायर टेंडर समेत पुलिस की मांग की गई है।
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मोहर्रम के जुलूस को शांति पूर्ण तरीके से निकालने के लिए सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता की गई है। मोहर्रम के दिन न कभी कोई भंडारा हुआ है और न कभी होगा। मोहर्रम के दिन पर्याप्त पुलिस बल तैनात रहेगा।
-राधेश्याम, सीओ कुंडा
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मोहर्रम के दिन मारा गया था बंदर
शेखपुर में मोहर्रम के दिन एक बंदर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसके बाद शेखपुर में हनुमान जी का मंदिर बनवाया गया और उसी पर मोहर्रम के दिन भंडारा होने लगा। शुरुआत में ग्रामीण घर से पूड़ी व हलवा बनवाकर लाते थे और मंदिर पर प्रसाद का वितरण करते थे, धीरे-धीरे यह भंडारा बड़े पैमाने पर होने लगा।