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सीबीएसई की परीक्षा टल जाने से मायूस हो गए छात्र-छात्राएं

सीबीएसई की 10वीं की परीक्षा रद होने और 12वीं की परीक्षा टल जाने से छात्र-छात्राएं दुखी है। यही नहीं बच्चों के भविष्य को लेकर उनके अभिभावक भी चितित हो गए हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 14 Apr 2021 11:15 PM (IST)Updated: Wed, 14 Apr 2021 11:15 PM (IST)
सीबीएसई की परीक्षा टल जाने से मायूस हो गए छात्र-छात्राएं
सीबीएसई की परीक्षा टल जाने से मायूस हो गए छात्र-छात्राएं

संवाद सूत्र, प्रतापगढ़ : सीबीएसई की 10वीं की परीक्षा रद होने और 12वीं की परीक्षा टल जाने से छात्र-छात्राएं दुखी है। यही नहीं, बच्चों के भविष्य को लेकर उनके अभिभावक भी चितित हो गए हैं।

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सीबीएसई की हाईस्कूल और इंटर की परीक्षा मई में प्रस्तावित थी। ऐसे में परीक्षा की तैयारी में सभी छात्र-छात्राएं पूरे मनोयोग से जुटे थे। हालांकि उनके अंदर एक भय भी था कि जिस तरह से कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है, उससे परीक्षा टल भी सकती है, लेकिन संभावनाओं से इतर बच्चे तैयारी में जुटे थे। कोरोना संक्रमण के मद्देनजर अधिकांश समय घर में ही बीत रहा था, इसलिए तैयारी में भी बच्चों का मन लगा हुआ था। इस बीच बुधवार को सुबह से ही इंटरनेट मीडिया पर परीक्षा टलने को लेकर चल रही खबरों को लेकर बच्चों की चिता बढ़ गई थी। वे सुबह से ही पल-पल पर न्यूज चैनलों व इंटरनेट मीडिया पर चलने वाली खबरों पर नजर गड़ाए थे। जैसे ही शाम को हाईस्कूल की परीक्षा रद होने और इंटर की परीक्षा टल जाने की खबर आई, परीक्षार्थी दुखी हो गए।

एंजिल्स इंटर कालेज की हाईस्कूल की छात्रा साक्षी सिंह पुत्री आमोद सिंह निवासी बलीपुर कहने लगी कि कोरोना से बचाव जरूरी है, लेकिन परीक्षा को रद नहीं किया जाना था। परीक्षा होती तो उन्हें और अच्छे अंक मिलते। इसी कक्षा के रितिक सोनी पुत्र रामजी सोनी निवासी महुली का कहना था कि तैयारी पूरी हो गई थी। अब रिवीजन चल रहा था। परीक्षा रद होने से उनका मन दुखी है।

इंटर की छात्रा अंशिता सिंह पुत्री अजय सिंह निवासी रामजीपुरम काफी मायूस हो गई हैं। कहने लगी कि परीक्षा होने के बाद वह इंजीनियरिग की कोचिग की तैयारी का मन बना चुकी थी, भले ही कोरोना संक्रमण के कारण ऑनलाइन कोचिग करनी पड़ती। उन्हें यह भी डर सता रहा है कि हाईस्कूल की तरह कहीं इंटर की परीक्षा भी रद न कर दी जाए। वह कहती है कि परीक्षा भले ही टाल दी गई है, लेकिन उसे कराया जरूर जाए। परीक्षा में शामिल होने से अपनी योग्यता का पता चलता है। इसी कक्षा के अरुण मिश्रा पुत्र राजेंद्र प्रसाद मिश्र निवासी बाबूगंज अंतू का कहना था कि कोरोना वायरस ने पूरी शिक्षा पर ही ग्रहण लगा दिया है। पहले स्कूल में कक्षाओं में शामिल होने का मौका नहीं मिला, ऑनलाइन पढ़ाई ही करनी पड़ी। अब परीक्षा में ग्रहण लगता दिख रहा है।


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