शौचालयों पर छत नहीं मगर गांव को कर दिया ओडीएफ घोषित
स्वच्छ भारत मिशन के तहत बनाए गए अधिकांश शौचालय बदहाल हो चुके हैं। निर्माण में हुए घपले के चलते तमाम शौचालय छह महीने में ही जर्जर हो गए।
स्वच्छ भारत मिशन के तहत बनाए गए अधिकांश शौचालय बदहाल हो चुके हैं। निर्माण में हुए घपले के चलते तमाम शौचालय छह महीने में ही जर्जर हो गए। दैनिक जागरण की टीम गुरुवार को ब्लाक लालगंज क्षेत्र के कई गांव में शौचालय की हकीकत खंगालने पहुंची तो तमाम ग्रामीण शौचालय की बदहाली का रोना रोते मिले। कई ऐसे ग्रामीण भी मिले जिन्होंने अपने पैसा लगाकर शौचालय को मजबूत व सुंदर बनवाया है।
जिले के लालगंज ब्लाक के अंतर्गत 57 ग्राम पंचायतें हैं। इसमें स्वच्छ भारत मिशन के तहत 24 हजार 580 शौचालय बनने का लक्ष्य मिला था। इनमें 15 हजार 832 शौचालय का निर्माण पूरा हो चुका है। इनका जियो टैग भी हो गया है, जबकि अभी भी आठ हजार 748 शौचालय का अभी निर्माण कार्य चल रहा है। शौचालय निर्माण की हकीकत खंगाली गई तो लोग मानक विहीन शौचालय बनाने, छह माह में ही शौचालय के जर्जर हो जाने का रोना रोते मिले। तमाम ग्रामीणों का कहना था कि लोग अभी भी बाहर शौच जाने को मजबूर हैं। कारण कि अधिकांश शौचालय बनने के कुछ माह में ही जर्जर हो गए। किसी का दरवाजा तो किसी की दीवार टूट गई है, किसी में गढ्डा नहीं है तो किसी में छत नहीं है। वहीं कुछ ऐसे लोग मिले जिन्होंने प्रधान से शौचालय के लिए मिले 10 हजार रुपये में और पैसे लगाकर मजबूत व सुंदर बनवाया है। --- फोटो 09 पीआरटी- 13 प्रधान ने शौचालय तो बनवाया, लेकिन न तो दीवार है और न ही छत पड़ी है। खुले में सीट लगी है। अब उसमें कैसे शौच को जाया जाए।
-संजय, रायपुर तियाई
---
फोटो : 09 पीआरटी- 14
मानक के अनुसार निर्माण सामग्री का प्रयोग न करने से पांच माह में ही सीट के नीचे की जमीन बैठ गई। शौचालय में लगा दरवाजा जर्जर होकर टूट गया।
-हनुमत सिंह, रायपुर तियाई
---
फोटो 09 पीआरटी- 15
शौचालय निर्माण के लिए प्रधान ने पैसे अभी नहीं दिए हैं। अपना 50 हजार लगाकर घर के शौचालय को मजबूत व सुंदर बनवाया हूं। इसमें आधुनिक टाइल्स भी लगवाए।
-राज बहादुर यादव, रायपुर तियाई फोटो 09 पीआरटी-16
शौचालय निर्माण के लिए प्रधान ने सीमेंट, मोरंग, ईट दिया था। इसके बाद अपनी ओर से 10 हजार और लगाकर शौचालय को मजबूत बनवाया है।
-संतलाल शर्मा, अर्जुनपुर
---
आठ माह से इंतजार फोटो 09 पीआरटी- 17
ग्रामीण इलाके में अभी बहुत से ऐसे पात्र हैं, जो स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय बनाए जाने की आस लगाए बैठे हैं। ऐसे ही हैं रायपुर तियाई के कमलेश सरोज जो आठ माह से शौचालय बनने की उम्मीद लगाए हैं, लेकिन अभी भी खुले में शौच करने जा रहे हैं। बकौल कमलेश, उनके पिता माता प्रसाद शौचालय बनने का इंतजार करते स्वर्ग सिधार गए।