सदर विधानसभा क्षेत्र : 1985 के बाद कोई विधायक नहीं हुए रिपीट
सदर विधानसभा क्षेत्र के अस्तित्व में आने के बाद पहली बार वर्ष 19967 में चुनाव हुआ और कांग्रेस से राजा अजीत प्रताप सिंह निर्वाचित हुए। राजा अजीत प्रताप सिंह ने जीत की हैट्रिक लगाई। देश में आपातकाल लागू किए जाने के बाद वर्ष 1977 में हुए चुनाव में जनता पार्टी का खाता खुला और संगम लाल शुक्ला पहली विधायक निर्वाचित हुए। इसके बाद फिर वर्ष 1980 और 1985 में हुए चुनाव में कांग्रेस से लाल प्रताप सिंह निर्वाचित हुए। इसके बाद हुए नौ चुनावों में कोई विधायक रिपीट नहीं हो सके।
दिनेश सिंह, प्रतापगढ़ : जिले के सदर विधानसभा क्षेत्र से वर्ष 1985 के बाद कोई विधायक रिपीट नहीं हुए। आखिरी बार कांग्रेस के लाल प्रताप सिंह रिपीट हुए थे, इसके बाद से उनका इतिहास कोई दोहरा नहीं सका।
सदर विधानसभा क्षेत्र के अस्तित्व में आने के बाद पहली बार वर्ष 19967 में चुनाव हुआ और कांग्रेस से राजा अजीत प्रताप सिंह निर्वाचित हुए। राजा अजीत प्रताप सिंह ने जीत की हैट्रिक लगाई। देश में आपातकाल लागू किए जाने के बाद वर्ष 1977 में हुए चुनाव में जनता पार्टी का खाता खुला और संगम लाल शुक्ला पहली विधायक निर्वाचित हुए। इसके बाद फिर वर्ष 1980 और 1985 में हुए चुनाव में कांग्रेस से लाल प्रताप सिंह निर्वाचित हुए। इसके बाद हुए नौ चुनावों में कोई विधायक रिपीट नहीं हो सके।
1985 के बाद जनता दल की लहर में जनता दल से संगमलाल शुक्ला, वर्ष 1991 में भाजपा की लहर में भाजपा के बृजेश शर्मा निर्वाचित हुए। इसके बाद लगातार दो चुनावों में इस सीट पर सपा का कब्जा रहा। अपना दल का इतिहास रहा कि पूरे प्रदेश में पहली बार वर्ष 2000 में हुए उप चुनाव में अपना दल का खाता खुला और यहां से अब्दुल सलाम उर्फ हाजी मुन्ना निर्वाचित हुए। इसके बाद वर्ष 2007 में बसपा की लहर में संजय त्रिपाठी, वर्ष 2012 में सपा की लहर में नागेंद्र यादव और 2017 में मोदी लहर में अपना दल-भाजपा गठबंधन के प्रत्याशी संगमलाल गुप्ता निर्वाचित हुए।
-------------------------
दूसरी बार हो रहा उपचुनाव
सदर विधानसभा क्षेत्र में यह दूसरी बार उपचुनाव हो रहा है। पहली बार सपा के विधायक सीएन सिंह वर्ष 1999 के लोकसभा चुनाव में मछलीशहर से सांसद निर्वाचित हुए थे। तब हुए उपचुनाव में अपना दल प्रत्याशी हाजी मुन्ना निर्वाचित हुए थे। इस बार सदर से विधायक रहे संगमलाल गुप्ता प्रतापगढ़ सीट से भाजपा के टिकट पर सांसद निर्वाचित हुए गए। उनके इस्तीफे के बाद अब उपचुनाव होने जा रहा है।
-----------------------
वर्ष निर्वाचित
----------------------
1967 राजा अजीत प्रताप सिंह (कांग्रेस)
1969 राजा अजीत प्रताप सिंह (कांग्रेस)
1974 राजा अजीत प्रताप सिंह (कांग्रेस)
1977 संगमलाल शुक्ला (जनता पार्टी)
1980 लाल प्रताप सिंह (कांग्रेस)
1985 लाल प्रताप सिंह (कांग्रेस)
1989 संगमलाल शुक्ला (जनता दल)
1991 बृजेश शर्मा (भाजपा)
1993 लाल बहादुर सिंह (सपा)
1996 सीएन सिंह (सपा)
2000 (उपचुनाव) हाजी मुन्ना (अपना दल)
2002 हरि प्रताप सिंह (भाजपा)
2007 संजय त्रिपाठी (बसपा)
2012 नागेंद्र यादव मुन्ना (सपा)
2017 संगमलाल गुप्ता (अपना दल-भाजपा गठबंधन)
----------
27 सितंबर से होगा नामांकन
सदर विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में 27 सितंबर से नामांकन शुरू होगा। नामांकन की आखिरी तारीख चार अक्टूबर है। पांच अक्टूबर को नामांकन पत्रों की जांच होगी और सात अक्टूबर को नाम वापस लिए जा सकेंगे। 21 अक्टूबर को मतदान और 24 अक्टूबर को मतगणना होगी।