आंदोलन में पत्नी-बच्चों को भी सड़क पर उतारें : तांवड़े
प्रतापगढ़ प्रदेश के कई जिलों के बिजली कर्मचारी व उनके नेता प्रतापगढ़ आए हैं। वह उत्तर
प्रतापगढ़ : प्रदेश के कई जिलों के बिजली कर्मचारी व उनके नेता प्रतापगढ़ आए हैं। वह उत्तर प्रदेश बिजली कर्मचारी संघ के 48वें तीन दिवसीय राज्य महासम्मेलन के मंच पर अपने अधिकारों की लड़ाई को आवाज उठा रहे हैं। इसके पहले दिन सोमवार को राष्ट्रीय कर्मचारी संघ के राष्ट्रीय सचिव शिव कुमार तांवड़े ने उद्घाटन करते हुए कहा कि बिजली कर्मचारियों का हित इन सरकारों में सुरक्षित नहीं है। सरकार संविदा और अस्थाई में भेद करके दोनों का अहित कर रही है। इस बात को समझना होगा। सरकार के पास न तो नौकरी है और न पेंशन। संविदा कर्मचारी तो एक साल के बाद यह भी नहीं पूछ सकते कि उसकी नौकरी रहेगी कि नहीं।
सदर बाजार में आयोजित इस बड़े कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा कि समान कार्य के समान वेतन का सुप्रीम कोर्ट का आदेश सरकार अमल में नहीं ला रही है। जरूरत है कि अपने हक और अधिकार पाने के लिए आंदोलन करने के लिए बिजली कर्मचारी पत्नी-बच्चों के साथ सड़क पर उतरें। नई पीढ़ी को आंदोलन की बागडोर सौंपी जाए। इससे सरकारों पर अधिक दबाव पड़ेगा और मजदूरों का हित बच सकेगा। इसके पहले सम्मेलन की शुरुआत करते हुए संघ के प्रदेश अध्यक्ष सदरुद्दीन राना ने कहा कि मजदूरों को एक झंडे के नीचे आकर अपने हित के लिए संघर्ष करना होगा, तभी उनकी बात सुनी जाएगी। मुख्य महामंत्री महेंद्र राय ने कहा कि केंद्र सरकार मजदूर हितों की अनदेखी कर रही है। मुख्य मुद्दों को दरकिनार करके पूंजीपतियों को मजबूत किया जा रहा है।
महासम्मेलन के संयोजक हेमंत नंदन ओझा ने प्रतापगढ़ के ऐतिहासिक और पौराणिक इतिहास के बारे में बताते हुए कहा कि बिजली कर्मचारियों के आंदोलन में प्रतापगढ़ हमेशा मजबूती से खड़ा मिलेगा। इस मौके पर कार्यवाहक अध्यक्ष जवाहर लाल, उपाध्यक्ष कन्हई राम, बीके अवस्थी, आदिल खान, महामंत्री केदार सिंह, उपमंत्री अजय कुमार सिंह, दुर्विजय सिंह, जय भगवान शर्मा, रामलाल, रामकृपाल यादव, मोहम्मद यूनुस, दुर्गापाल सिंह, सुरेंद्र पाल सिंह, कोषाध्यक्ष रामेर्श्वर प्रसाद, चंद्रमोहन आदि भी गरजे।