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पांच हजार से अधिक कुपोषित बच्चे, पुर्नवास के लिए ढूंढे नहीं मिल रहे

गांवों में कुपोषित बच्चों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए जिला अस्पताल में पोषण पुनर्वास केंद्र खोला गया है। इस केंद्र पर कुपोषित बच्चों को भर्ती करके उनका इलाज किया जाता है। उनके स्वास्थ्य में जल्द सुधार हो इसके लिए विटामिन के रूप में दूध फल दलिया नाश्ता व खाने की सुविधा दी जाती है। अप्रैल माह से सितंबर माह तक एक भी कुपोषित बच्चे को केंद्र पर भर्ती नहीं कराया गया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 28 Nov 2020 10:01 PM (IST)Updated: Sat, 28 Nov 2020 10:01 PM (IST)
पांच हजार से अधिक कुपोषित बच्चे, पुर्नवास के लिए ढूंढे नहीं मिल रहे
पांच हजार से अधिक कुपोषित बच्चे, पुर्नवास के लिए ढूंढे नहीं मिल रहे

संवाद सूत्र, प्रतापगढ़ : गांवों में कुपोषित बच्चों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए जिला अस्पताल में पोषण पुनर्वास केंद्र खोला गया है। इस केंद्र पर कुपोषित बच्चों को भर्ती करके उनका इलाज किया जाता है। उनके स्वास्थ्य में जल्द सुधार हो, इसके लिए विटामिन के रूप में दूध, फल, दलिया, नाश्ता व खाने की सुविधा दी जाती है। अप्रैल माह से सितंबर माह तक एक भी कुपोषित बच्चे को केंद्र पर भर्ती नहीं कराया गया। वहीं डीपीओ कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार गांवों में कुपोषित बच्चों की संख्या हजारों में है। इस आंकड़े से अंदाजा लगाया जा सकता है कि शासन की मंशा पर किस तरह से जिम्मेदार लोग पानी फेर रहे हैं।

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कागज पर काम कर रही टीम

स्वास्थ्य विभाग में राष्ट्रीय बाल सुरक्षा अभियान के तहत टीम गठित है। टीम में डाक्टर व अन्य कर्मी शामिल हैं। टीम की जिम्मेदारी है कि गांव-गांव जाकर बच्चों के स्वास्थ्य की जांच करें। गांव व प्राथमिक विद्यालयों में जांच के दौरान अगर कुपोषित बच्चे मिलते हैं तो उनको पोषण पुनर्वास केंद्र पर लाकर भर्ती किया जाए। जब तक बच्चे का स्वास्थ्य बेहतर नहीं हो जाता, उनको वहां से न जाने दिया जाए। यहां तो टीम केवल सीएमओ की आवाभगत में ही रहती है। गांव कभी-कभार जाते हैं। यही वजह है कि केंद्र पर कुपोषित बच्चों की भर्ती कई माह से नहीं हो रही है।

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गांवों में कुपोषित बच्चों के स्वास्थ्य की जांच के लिए चिकित्सक व कर्मियों की टीम गठित है। उनकी जिम्मेदारी है कि वह जांच करके कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती कराएं। कई माह से बच्चों की भर्ती नहीं हुई है। फिलहाल जो बच्चे भर्ती होते हैं, उनका समय से इलाज व आहार दिया जाता है। अगर ऐसा नहीं होता तो इस बार में रिपोर्ट ली जाएगी। इस रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

- डॉ. पीपी पांडेय, सीएमएस (जिला अस्पताल) --------------- ब्लाकवार आंकड़ा-

ब्लाक कुपोषित अति कुपोषित

बाबागंज 962 192

कुंडा 1687 338

आसपुर देवसरा 731 238

मानधाता 1367 295

लक्ष्मणपुर 1467 405

मंगरौरा 1717 164

पट्टी 527 105

कालाकांकर 939 266

बिहार 3096 335

सांगीपुर 1091 260

सदर 1425 246

संडवा चंद्रिका 1223 174

रामपुर संग्रामगढ़ 1680 435

बाबा बेलखरनाथ 1582 214

गौरा 2222 494

शिवगढ़ 769 484 ---


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