तालाब खोदवाकर दिया जलसंरक्षण का संदेश
पानी बगैर जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है। जल ही जीवन है। इस सच्चाई को लगभग सभी स्वीकार तो करते हैं लेकिन जब बात जल संरक्षण की आती है तो मानों सभी के स्मृति पटल से सारी बातें विस्मृत हो जाती है। शहर हो य गांव हर जगह गर्मियों में वाटर लेवल नीचे चला जाता है। इस दिशा में स्थानीय प्रशासन का प्रयास तो नहीं दिख रहा है लेकिन कुंडा के सुजौली गांव निवासी मो. हिसामुददीन ने खुद की जमीन में तालाब खोदवाकर जलसंरक्षण का संदेश दिया।
संसू, गोतनी : पानी बगैर जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है। जल ही जीवन है। इस सच्चाई को लगभग सभी स्वीकार तो करते हैं, लेकिन जब बात जल संरक्षण की आती है तो मानों सभी के स्मृति पटल से सारी बातें विस्मृत हो जाती है। शहर हो य गांव, हर जगह गर्मियों में वाटर लेवल नीचे चला जाता है। इस दिशा में स्थानीय प्रशासन का प्रयास तो नहीं दिख रहा है, लेकिन कुंडा के सुजौली गांव निवासी मो. हिसामुददीन ने खुद की जमीन में तालाब खोदवाकर जलसंरक्षण का संदेश दिया।
गांव में क्लीनिक चलाने वाले हिसामुद्दीन बताते हैं कि वर्ष 2018 के मई माह में जब उनके नल ने पानी देना बंद कर दिया तो उन्होंने वाटर लेवल ऊपर लाने के लिए घर से कुछ दूर स्थित अपनी जमीन पर तालाब खोदवा दिया। गांव के ही ट्यूबवेल संचालक शौकत अली को इस शर्त पर देखभाल के लिए दे दिया कि वह कभी भी इस तालाब को सूखने नहीं देगा। न ही कभी किसी पशु पक्षी को पानी पीने व किसी को नहाने के लिए मना करेगा। गर्मियों में इस तालाब में लड़के अठखेलियां करते नजर आते हैं। सुजौली में पानी से लबालब तालाब जल संरक्षण का संदेश दे रहा है। लबालब तालाब से जहां आसपास का भूगर्भ जलस्तर पहले से बेहतर हो गया है, वहीं पशु-पक्षी पानी से न सिर्फ प्यास बुझा रहे हैं बल्कि शीतल जल में डुबकी मार कर आनंदित हो रहे हैं। दिनों-दिन नीचे खिसकते भूगर्भ जल स्तर को मेंटेन करने व गर्मी के मौसम में सभी तालाब पोखरों को नहर व ट्यूबवेल से भरे जाने का आदेश जारी किया जाता है। इसके बाद भी तालाबों को भरे जाने के प्रति प्रशासन गंभीरता नहीं दिखाता। इस समय अधिकतर तालाब सूख चुके हैं या फिर सूखने के कगार पर हैं। वहीं सुजौली में पानी से लबालब तालाब अपनी अलग छंटा बिखेर रहा है।