तिल और गुड़ की सामग्रियों से पटे बाजार
मकर संक्रांति का त्योहार हिदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। इस साल में यह पर्व 14 जनवरी को मनाया जाएगा। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन को नए फल और नए ऋतु के आगमन के लिए मनाया जाता है। जब सूर्य देव मकर राशि पर प्रवेश करते हैं तब मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है। इस दिन लाखों श्रद्धालु गंगा और अन्य पावन नदियों के तट पर स्नान और दान धर्म करते हैं। मकर संक्रांति पर तिल और गुड़ से बने लड्डू और अन्य मीठे पकवान बनाने की परंपरा है। साथ ही इसके पीछे यह महत्व भी है कि इस समय मौसम में काफी सर्दी होती है तो तिल और गुड़ से बने लड्डू खाने से स्वास्थ्य ठीक रहता है।
संवाद सूत्र, प्रतापगढ़ : मकर संक्रांति का त्योहार हिदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। इस साल में यह पर्व 14 जनवरी को मनाया जाएगा। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन को नए फल और नए ऋतु के आगमन के लिए मनाया जाता है। जब सूर्य देव मकर राशि पर प्रवेश करते हैं तब मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है। इस दिन लाखों श्रद्धालु गंगा और अन्य पावन नदियों के तट पर स्नान और दान, धर्म करते हैं। मकर संक्रांति पर तिल और गुड़ से बने लड्डू और अन्य मीठे पकवान बनाने की परंपरा है। साथ ही इसके पीछे यह महत्व भी है कि इस समय मौसम में काफी सर्दी होती है, तो तिल और गुड़ से बने लड्डू खाने से स्वास्थ्य ठीक रहता है।
मकर संक्रांति के पर्व को लेकर शहर व अंचल के बाजार गुड़ व तिल जैसी सामग्रियों से पट गए हैं। शहर के आंबडर चौराहा पर तिल के लड्डू, गजक जैसी सामग्रियों से पटी हुई है। बाजार में जहां लाई के लड्डू 90 रुपये किलो है, वहीं गजक 140 रुपये, रामदाना 130 रुपये, चने का लड्डू 200 रुपये, गुड़ व सेव के लड्डू 120 रुपये प्रति किलो है। वहीं वड़ी 30 रुपये पैकेट, सोहन पापड़ी 150 रुपये किलो, गुड़ की रेवड़ी 140 रुपये, गुड़ की चिक्की यानि पपड़ी 30 रुपये पैकेट की दर से बिक रही थी। बाजार में सामान खरीदने वालों की भीड़ भी लगनी शुरू हो गई है। दुकानदार शिवराम बताते हैं कि पिछले साल की अपेक्षा इस बार अभी ग्राहक कम निकल रहे हैं।
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कानपुर मेत जकलों से मंगाई गई सामग्री
मकर संक्रांति पर्व पर बिकने वाली सामग्रियों को यहां के दुकानदारो ने कानपुर, लखनऊ व वाराणसी जनपद से मंगाया है। जबकि कानपुर व वाराणसी से सामग्री सस्ती मिलती है, वहीं लखनऊ में इसके दाम में तीन से पांच रुपे का अंतर रहता है। इसलिए दुकानदार ज्यादातर कानपुर व वाराणसी से ही सामग्री मंगाते हैं।
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पांच से 10 रुपये का आया अंतर
पिछले साल की अपेक्षा इस बार सभी सामग्रियों के दाम में पांच से 10 रुपये का अंतर आया है। जब ग्राहक सामग्री खरीदने पहुंचते हैं तो दुकानदार के दाम सुनकर वह अवाक रह जाते हैं। इस पर दुकानदार ग्राहकों को बताता है कि पिछले साल की अपेक्षा इस बार पांच से 10 रुपये का अंतर आया है।
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पतंग खरीदने को लेकर मारामारी
भले ही गुड़ व तिल की सामग्री खरीदने वालों की भीड़ कम दिख रही है, लेकिन पतंग की दुकानों पर बच्चे इसे खरीदने के लिए मारामारी करते नजर आए। कागज के पतंग जहां तीन से पांच रुपये व अधिकतम 10 रुपये में बिक रहा है, वहीं पॉलीथिन की पतंग पांच से 10 रुपये प्रति पीस है। वहीं पतंग उड़ाने वाला धागा भी 10 रुपये से लेकर 400 रुपये में है।