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भारी पुलिस फोर्स की मौजूदगी में मकबूल का शव हुआ दफन

कोतवाली लालगंज क्षेत्र के बाबूतारा सगरासुंदरपुर गांव में शनिवार देर रात पुलिस दबिश के दौरान एक वृद्ध की मौत हो गई थी। इस मामले में स्वजनों ने पुलिस पर पिटाई का आरोप लगा हंगामा खड़ा कर दिया था। वहीं पोस्टमार्टम रिपोर्ट में लिवर फटने की बात सामने आने पर मामला गरम हो गया। वहीं सोमवार को वृद्ध के शव के दफन प्रक्रिया को लेकर घंटों पुलिस और स्वजनों में नोकझोंक होती रही। अधिकारियों ने उनकी मांगों को पूरा कराने का आश्वासन दिया तब कहीं जाकर शव दफन हो सका।

By JagranEdited By: Published: Tue, 22 Sep 2020 06:19 AM (IST)Updated: Tue, 22 Sep 2020 06:19 AM (IST)
भारी पुलिस फोर्स की मौजूदगी में मकबूल का शव हुआ दफन
भारी पुलिस फोर्स की मौजूदगी में मकबूल का शव हुआ दफन

संसू, सगरासुंदरपुर : कोतवाली लालगंज क्षेत्र के बाबूतारा सगरासुंदरपुर गांव में शनिवार देर रात पुलिस दबिश के दौरान एक वृद्ध की मौत हो गई थी। इस मामले में स्वजनों ने पुलिस पर पिटाई का आरोप लगा हंगामा खड़ा कर दिया था। वहीं पोस्टमार्टम रिपोर्ट में लिवर फटने की बात सामने आने पर मामला गरम हो गया। वहीं सोमवार को वृद्ध के शव के दफन प्रक्रिया को लेकर घंटों पुलिस और स्वजनों में नोकझोंक होती रही। अधिकारियों ने उनकी मांगों को पूरा कराने का आश्वासन दिया, तब कहीं जाकर शव दफन हो सका।

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लालगंज कोतवाली क्षेत्र के सगरासुन्दरपुर के बाबूतारा मजरे में चोरों की तलाश में शनिवार की रात करीब 12 बजे भारी संख्या में सांगीपुर पुलिस पहुंची। गांव के कुछ घरों में तलाशी ली और कई लोगों को उठाकर थाने ले गई। इन्ही में से एक मकबूल (65) था, जिसे कुछ देर बाद पुलिस उसके घर छोड़ गई थी। कराहते मकबूल को स्वजन अस्पताल ले जाते, इससे पहले ही उसकी मौत हो गई। घटना को लेकर मृतक के पुत्र रमजान खान ने लालगंज कोतवाली में तहरीर देकर आरोप लगाया कि पुलिस उसके पिता को बिना किसी कारण उठा ले गई और कुछ देर बाद उसे मरणासन्न स्थिति में घर छोड़ गई। पुलिस की पिटाई से उसकी मौत हुई है। इधर, घटना की जानकारी होने पर स्वजन व ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ गया। पुलिस अधिकारियों ने समझा कर किसी तरह शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में आया कि मकबूल की मौत लिवर फटने से हुई है। पोस्टमार्टम के बाद रविवार शाम शव घर पहुंचा तो स्वजनों ने शव को दफन करने से मना कर दिया। स्वजन मृतक के आश्रितों को 50 लाख की आर्थिक सहायता, परिवार के दो सदस्यों को सरकारी नौकरी, दो शस्त्र लाइसेंस, दोषी पुलिस कर्मियों पर कठोर कार्रवाई, घटना की न्यायिक जांच की मांग करने लगे। स्वजनों को मनाने में रात भर पुलिस मशक्कत करती रही। आखिरकार सोमवार को दोपहर मांगों को पूरा कराये जाने का आश्वासन देने के बाद किसी तरह स्वजन मान गए, तब कहीं जाकर भारी पुलिस सुरक्षा के बीच अपराह्न करीब दो बजे घर से करीब तीन किलोमीटर दूर तिलौरी गांव स्थित कब्रिस्तान में शव दफन हुआ। इसके बाद पुलिस ने राहत की सांस ली।


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