58 घंटे बाद दफनाया गया मंजीत का शव
प्रतापगढ़ उसरापुर गांव में विवादित जमीन पर कब्र की खोदाई से गुरुवार को दोपहर तनाव व्याप्त
प्रतापगढ़ : उसरापुर गांव में विवादित जमीन पर कब्र की खोदाई से गुरुवार को दोपहर तनाव व्याप्त हो गया। मामले की जानकारी पर पहुंचे विश्वनाथगंज विधायक ने परिजनों को मुख्यमंत्री से आर्थिक सहायता, मृतक के दोनों भाइयों को शस्त्र लाइसेंस व दो बिस्वा जमीन दिलाने का आश्वासन दिया तो वे अंत्येष्टि के लिए तैयार हो गए। इस तरह 58 घंटे बाद गांव में अपनी जमीन में परिजनों ने शव को दफना दिया। तब जाकर अफसरों और पुलिस कर्मियों ने राहत की सांस ली।
उसरापुर गांव निवासी राम आसरे गुप्ता और बद्री प्रसाद पटेल के बीच रास्ते को लेकर काफी दिनों से विवाद चला आ रहा है। इसी रंजिश में मंगलवार को सुबह दोनों पक्ष में मारपीट हुई थी। इसमें लाठी-फावड़े से हमला करके बद्री प्रसाद के बेटे मंजीत पटेल(16) की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में बद्री प्रसाद की तहरीर पर पुलिस ने राम आसरे गुप्ता, उसके बेटे रवि गुप्ता, अनिल गुप्ता, अनिल के बेटे शिवम और प्रधान इंद्र कुमार, अजीत पटेल व कुछ अन्य के खिलाफ हत्या, हत्या की साजिश रचने का मुकदमा दर्ज किया था। पुलिस ने रवि व अनिल को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था। इस बीच बुधवार को सुबह परिजनों ने प्रधान इंद्र कुमार की गिरफ्तारी, आर्थिक सहायता व शस्त्र लाइसेंस की मांग को लेकर शव दफनाने से इन्कार कर दिया था। शाम को पहुंचे विश्वनाथगंज विधायक डा.आरके वर्मा के ढाई घंटे तक मनाने के बाद बुधवार को शाम साढ़े सात बजे परिजन शव की अंत्येष्टि के लिए तैयार हो गए थे और गुरुवार को सुबह 10 बजे श्रृंगवेरपुर घाट पर अंत्येष्टि करने की बात कही थी। बाद में परिजनों की मांग पर गुरुवार को सुबह कब्रिस्तान के लिए प्रशासन ने जमीन भी उपलब्ध करा दी।
कुछ देर बाद परिजन शव विवादित रास्ते पर दफनाने पर अड़ गए और कब्र की खोदाई शुरू कर दी। इसकी जानकारी होने पर सीओ रानीगंज अतुल अंजान त्रिपाठी फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे और कब्र खोदने से रोक दिया। दोपहर करीब साढ़े 11 बजे एसडीएम सदर विजय पाल सिंह पहुंचे और मांगें पूरी कराने का आश्वासन दिया, लेकिन परिजन शव की अंत्येष्टि करने के लिए तैयार नहीं हुए। दोपहर करीब साढ़े तीन बजे विधायक आरके वर्मा पहुंचे और परिजनों को मनाने लगे। परिजन हत्यारोपित प्रधान की गिरफ्तारी, आर्थिक सहायता व नौकरी, शस्त्र लाइसेंस, जमीन की मांग कर रहे थे। मौके पर एएसपी पूर्वी सुरेंद्र द्विवेदी भी पहुंच गए थे। करीब डेढ़ घंटे के प्रयास के बाद विधायक ने पांच लाख रुपये की सहायता, दो बिस्वा जमीन व मृतक के दोनों भाइयों को शस्त्र लाइसेंस दिलाने का आश्वासन दिया। तब कहीं जाकर परिजन माने और शव को दफनाने के लिए तैयार हो गए। फिर आनन-फानन में बद्री प्रसाद के खेत में कब्र की खोदाई कराई गई। इस तरह घटना के करीब 58 घंटे बाद मृतक का शव दफनाया गया। तब अफसरों और पुलिस कर्मियों ने राहत की सांस ली।