रैंप में ठोकर देख बिफरे मंडलायुक्त, जेई को प्रतिकूल प्रविष्टि
प्रतापगढ़ अरे.यह कैसा रैंप बनाया है। इसमें तो ठोकर है। अच्छा.कमिश्नर को आना था इसलिए
प्रतापगढ़ : अरे.यह कैसा रैंप बनाया है। इसमें तो ठोकर है। अच्छा.कमिश्नर को आना था इसलिए आनन-फानन में काम पूरा कर दिया। आर्कीटेक्ट की देखरेख में काम कराने को कहा था मैंने, उसे अनसुना कर दिया। कहां है जेई.उसे प्रतिकूल प्रविष्टि दीजिए। मजाक बनाकर रखा है, सरकारी काम है, घर का नहीं।
मंडलायुक्त प्रयागराज आशीष गोयल ने जब ऐसा कहा तो अफसर बगले झांकने लगे। वह दो दिवसीय दौरे के पहले दिन सोमवार को दोपहर जिला पुरुष अस्पताल पहुंचे थे। कार से उतरते ही ओपीडी के सामने पार्किंग देख नाराज हुए। उसे हटवाने को कहा। आगे बढ़े तो इमरजेंसी के पोर्टिको के लिए बने रैंप को देख उनके कदम ठहर गए। कहा कि लगता है रात में ही बना है। मेरा दौरा न लगा होता तो शायद बनता ही नहीं। बगल खड़े डीएम मार्कंडेय शाही ने सीएमओ डा. एके श्रीवास्तव की ओर देखा। सीएमओ ने सफाई दी.सर, जेई को कहा था। इस पर आयुक्त ने जेई आरएन यादव पर कार्रवाई कर दी। इसके बाद वह इमरजेंसी में दाखिल हुए। वार्ड में मरीजों के साथ तीमारदारों की भीड़ पर एतराज किया। सीएमओ से बोले, एक मरीज-एक तीमारदार नियम लागू कराइए। इस पर तुरंत ही फालतू लोग बाहर किए जाने लगे। इसके बाद बाहर निकले और ओपीडी की गैलरी से होकर महिला वार्ड में पहुंच गए। दरवाजा बंद करवा दिया। मरीजों व परिजनों से सुविधाओं का फीडबैक लिया। पूछा कि पैसे तो कोई नहीं मांगता, खाना, दवा मिलती है कि नहीं। अस्पताल कर्मियों की खैर रही कि किसी ने मुंह नहीं खोला।
इसके बाद वह डायलिसिस यूनिट देखने पहुंचे और वहां भी मरीजों से बात की। इसके बाद लान में बने आरओ वाटर सिस्टम का ताला खुलवाकर जायजा लिया। टंकी में गंदगी देख नाराज हुए और सीएमओ को निर्देश जारी किया कि सभी अस्पतालों की टंकियों की सफाई कराएं। मरीजों को शुद्ध पानी तो पिलाइए। कमिश्नर ने टाइल्स पर सीमेंट लगी देख सफाई के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान सीडीओ डीपी सिंह, एडीएम शत्रोहन वैश्य, सीएमएस डा. पीपी पांडेय भी रहे। इसके बाद मंडलायुक्त ने सीएमओ कार्यालय का भी पांच मिनट में जायजा लिया। वहां से निकलकर वह तहसील सदर पहुंचे और निरीक्षण किया। परिसर में साफ-सफाई की व्यवस्था दुरुस्त कराने को कहा।