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हिरासत में आरोपित की मौत, पुलिस पर प्रताड़ना के आरोप

आधा किलो गांजा के साथ पकड़े गए अधेड़ की पुलिस हिरासत में तबीयत बिगड़ गई। इलाज के लिए एसआरएन हास्पिटल प्रयागराज ले जाते समय उसकी मौत हो गई। अधेड़ की मौत से पुलिस महकमे में खलबली मच गई।

By JagranEdited By: Published: Sat, 10 Oct 2020 11:29 PM (IST)Updated: Sun, 11 Oct 2020 05:05 AM (IST)
हिरासत में आरोपित की मौत, पुलिस पर प्रताड़ना के आरोप
हिरासत में आरोपित की मौत, पुलिस पर प्रताड़ना के आरोप

प्रतापगढ़। आधा किलो गांजा के साथ पकड़े गए अधेड़ की पुलिस हिरासत में तबीयत बिगड़ गई। इलाज के लिए एसआरएन हास्पिटल प्रयागराज ले जाते समय उसकी मौत हो गई। अधेड़ की मौत से पुलिस महकमे में खलबली मच गई। आनन-फानन में शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। उधर, मृतक के स्वजनों ने मौत के पुलिस को दोषी ठहराया है। आरोप है कि पुलिस की प्रताड़ना से उसकी मौत हुई है।

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बाघराय थाना क्षेत्र के शकरदहा गांव निवासी संतोष सिंह (47) पुत्र बद्री नारायण सिंह को गुरुवार की रात कुंडा कोतवाली क्षेत्र के विदासिन नहर पुलिया के पास एसएसआइ सुरेश चौहान ने छह पुड़िया (आधा किलो) गांजा के साथ पकडा था। पुलिस ने उसे कुंडा कोतवाली में रखा था। शुक्रवार को दोपहर करीब तीन बजे पुलिस उसे न्यायालय में पेश करने के लिए ले जाने की तैयारी कर रही थी। पुलिस के अनुसार इसी बीच अचानक संतोष की तबीयत खराब हो गई। पुलिस उसे इलाज के लिए एसआरएन अस्पताल प्रयागराज ले जा रही थी। रास्ते में लालगोपालगंज के पास उसने दम तोड़ दिया।

हिरासत में संतोष की मौत से पुलिस महकमे में खलबली मच गई। एसएसआइ ने फौरन घटना की जानकारी सीओ कुंडा, एएसपी पश्चिमी को दी और आनन-फानन में शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

उधर, संतोष की मौत की खबर मिलने पर घर पर रही मां सहित स्वजन रोने बिलखने लगे। शनिवार को दोपहर मां इंद्रा देवी, भाई मनोज कुमार सहित स्वजन पोस्टमार्टम हाउस पहुंच गए। संतोष के बड़े भाई मनोज कुमार का कहना था कि उनके भाई संतोष को गांव के अरूण सिंह व रीतेश विदासिन स्थित भांग के ठेके पर लेकर गए थे। वहां पुलिस ने उसे पकड़ लिया। देर शाम तक जब संतोष नहीं लौटा तो उसे फोन किया गया। फोन बंद होने पर वह अरूण सिंह के घर पर गया तो पता चला कि संतोष को पुलिस ने छह पुड़िया गांजा के साथ पकड़ लिया है। हालांकि पुलिस ने इसकी सूचना उन्हें नहीं दी। शुक्रवार की शाम रीतेश ने बताया कि संतोष की हालत खराब है, जल्दी चले आओ। उसके नाक व मुंह से खून निकल रहा था। बड़े भाई मनोज ने आरोप लगाया कि पुलिस की प्रताड़ना से उसके भाई की मौत हुई है। मां इंद्रा देवी ने कहा कि उनके बेटे की मौत के लिए पुलिस दोषी है। पुलिस की लापरवाही से उसकी मौत हुई है।

इस बीच पोस्टमार्टम के बाद शनिवार दोपहर बाद शव घर लाया गया तो स्वजन रोने बिलखने लगे। मौके पर शकरदहा चौकी इंचार्ज अरविद उपाध्याय डटे थे। कुछ देर बाद स्वजन शव लेकर श्रृंगवेरपुर धाम चले गए। इस बारे में सीओ कुंडा जितेंद्र सिंह परिहार का कहना है कि युवक नशे का आदी था, बीमारी के कारण उसकी मौत हुई है।

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बच्चों के सिर से उठा पिता का साया

संसू, बाघराय: पुलिस की हिरासत में संतोष सिंह की मौत से स्वजन का रो- रोकर बेहाल थे। संतोष की पत्नी सावित्री देवी ने बताया कि वह नेशनल हाईवे में बतौर पर्यवेक्षक काम करते थे। उन्हें गांव के कुछ लोग गुरूवार को बुलाकर अपने साथ ले गए थे। संतोष की मौत से पत्नी सावित्री देवी, बेटा प्रतीक व बेटी ललिता सिंह रोते-रोते बदहवास हो जा रहे थे। ग्रामीणों में भी मौत कैसे हुई, इसे लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हो रही थी।

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बिसरा किया प्रिजर्व

संतोष सिंह के शव का पोस्टमार्टम वीडियोग्राफी के बीच दो डाक्टरों (डा.विजय पटेल व दीपक सिंह) ने किया। पोस्टमार्टम में हार्टअटैक से मौत होने की बात सामने आई। लेकिन कुछ संदेह होने पर बिसरा प्रिजर्व कर लिया गया।


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