पटरी पर लौटने लगी जिंदगी, मदद का अब भी इंतजार
संसू, रानीगंज : चक्रवात के कहर से सिसक रहे रानीगंज के आधा दर्जन गांवों में छठवें दिन गुरुवार को बिजली, पानी की व्यवस्था कुछ सुधरने लगी। इससे लोगों की जिंदगी को पटरी पर लौटते देखा गया। हालांकि अब भी पीड़ितों को सरकारी मदद नहीं मिली, वह इंतजार कर रहे हैं।
तबाही में जान गंवाने वाले कसेरुआ गांव के राम बहादुर की पत्नी शांति देवी के खाते में आरटीजीएस से चार लाख रुपये की सरकारी मदद गुरुवार को पहुंच गई। इसके लिए परिवार ने राहत की सांस लेते हुए प्रशासन की संवेदना जगाने को जागरण को धन्यवाद दिया। इधर अभी तक खमपुर दूबे पट्टी, सराय सेतराय दुर्गागंज, जयरामपुर, नरहरपुर, मानपुर बरहदा सहित गांव में 252 लोगों को आपदा राहत कोष से मदद की दरकार है। सर्वे व सत्यापन पूरा न होने से इन्हें अभी फूटी कौड़ी नहीं मिल सकी है।
चक्रवात से टिन शेड व छप्पर उड़ गए थे। आधा दर्जन से अधिक लोग घायल अभी भी अस्पताल में उपचार करा रहे हैं। भारी संख्या में लोगों की गृहस्थी तहस-नहस हो चुकी है। लोग इसे पटरी पर लाने में जुटे हैं। तहसील प्रशासन का आंसू पोंछने दावा अभी यहां धरातल पर नहीं आ सका है। नेताओं ने भी केवल वादा किया है। गुरुवार को जागरण टीम गांव पहुंची तो प्रभावित ग्रामीण प्रशासन को कोसते मिले।
दुर्गागंज बाजार वीरान बन चुकी थी। यहां बिजली छह दिनों से ठप रही। कर्मियों ने यहां मशक्कत कर पोल खडे़ कर तार खींचने का काम गुरुवार को पूरा कर लिया। अवर अभियंता का कहना है कि अब विद्युत आपूर्ति बहाल हो जाएगी, जबकि सरायसेतराय, खमपुरदुबे पट्टी गांव में अभी भी पोल गिरे पड़े हैं। ट्रांसफार्मर गिरे हैं। बिजली आने की संभावना यहां अभी नहीं दिख रही है। ऐसे में लोग पानी के लिए लोग तरस रहे हैं। तहसील के अफसर डाक बंगला व दफ्तर में कागज पूरा करने में लगे हैं। गुरुवार को तहसील में तहसीलदार धर्मेंद्र कुमार सिंह चक्रवात से हुए नुकन को लेकर पीड़ितो को सहायता दिलाने के लिए राजस्व निरीक्षक नर्मदा मिश्रा, लेखपाल सुरेश पांडेय, प्रेमचंद मौर्या, के अलावा अशोक शर्मा के साथ दिन भर रिपोर्ट तैयार करने में जुटे रहे।
--
चक्रवात के पीड़ताें का सर्वे हो गया है। सूची फाइनल करके बहुत जल्द सरकारी मदद दी जाएगी। प्रभावितों की सूची को एक बार फिर से परखा जा रहा है, ताकि सभी जरूरतमंदों को मदद मिल सके।
-संगम लाल, एसडीएम रानीगंज