एक ही चिता पर पूरे परिवार का अंतिम संस्कार, सड़क हादसे में हो गई थी चार लोगों की दर्दनाक मौत
इस हादसे में सबसे दुखद यह रहा कि मासूम शिवम् का पैर कार में फंसकर घिसटने से कटकर अलग हो गया था। इसके बारे में जिसने भी सुना कलेजा मुंह को आ गया। शनिवार देर शाम चारों शव घर लाए गए थे।
प्रतापगढ़, जागरण ऑनलाइन टीम : Pratapgarh News सड़क हादसे में जान गंवाने वाले परिवार का अंतिम संस्कार भी हृदय विदारक रहा। पूरे महाबल उदयपुर गांव में उनके ही खेत में रविवार दोपहर एक चिता सजाई गई। बीच में दोनों बच्चों के शव व अगल-बगल मनोज सिंह व उनकी पत्नी का शव रखा गया। यह देख हर कोई रो पड़ा। मनोज के दो भाइयों ने मिलकर मुखाग्नि दी। सैकड़ों की संख्या में जुटी गांव की महिलाएं तो उस ओर देखकर बेसुध सी हो गईं। बूढ़े-माता पिता बदहवास रहे।
इस दर्दनाक हादसे से पूरे महाबल गांव शनिवार से ही शोक में डूब गया था। गांव के मनोज सिंह सूरत में सब्जी की दुकान करते थे। परिवार में छोटे भाई प्रमोद की शादी का आयोजन पड़ने पर वह इसी महीने घर आए थे। कार्यक्रम संपन्न होने के बाद परदेस लौटने की वह तैयारी कर रहे थे।
इससे पहले शनिवार सुबह बाइक से परिवार समेत ससुराल रानीगंज जामताली जाते वक्त पृथ्वीगंज साई कुटी के पास कार की टक्कर हो गई थी। इस हादसे में मनोज समेत उनकी पत्नी सीमा, पुत्री सपना व पुत्र शिवम की मौत हो गई थी।
इस हादसे में सबसे दुखद यह रहा कि मासूम शिवम् का पैर कार में फंसकर घिसटने से कटकर अलग हो गया था। इसके बारे में जिसने भी सुना, कलेजा मुंह को आ गया। शनिवार देर शाम चारों शव घर लाए गए थे। रविवार को दोपहर एक बजे मृतक के छोटे भाई नीरज कर्नाटक से आए।
इकलौती बहन अर्चना चंडीगढ़ से पहुंची। इसके बाद घर से करीब दो सौ मीटर दूर खेत में दोपहर एक बजे बड़े भाई रमेश ने मनोज व भतीजे शिवम के शव को छोटे भाई प्रमोद ने भाभी सीमा व भतीजी सपना को मुखाग्नि देने की वैदिक प्रक्रिया पूरी की। सदमे से मनोज के पिता लल्लन सिंह व मां शकुंतला देवी, मौसी व सीमा के मायके के लोगों की हालत खराब हो गई। लोग उनको संभालते रहे