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पतंगें तैयार, नभ में भी मोदी और राहुल की होगी रार

जोड़ी नंबर वन अर्थात मोदी-शाह। टक्कर यानि मोदी और राहुल गांधी।

By JagranEdited By: Published: Tue, 07 Jan 2020 10:55 PM (IST)Updated: Wed, 08 Jan 2020 06:03 AM (IST)
पतंगें तैयार, नभ में भी मोदी और राहुल की होगी रार
पतंगें तैयार, नभ में भी मोदी और राहुल की होगी रार

प्रतापगढ़ : जोड़ी नंबर वन अर्थात मोदी-शाह। टक्कर यानि मोदी और राहुल गांधी। जमीन तो जमीन हवा में भी राजनेता अपने तेवर में लड़ेंगे। इस बार हवा से बातें करने वाली पतंगों ने राजनीतिक चोला ओढ़ा है।

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मकर संक्रांति पर पतंगबाजी खास होती है। बेल्हा में भी इसका क्रेज है। किशोर और युवा अभी से ही पतंग उड़ाने की तैयारी में लगे हैं। उनको इस ओर तेजी से आकर्षित करने के लिए पतंग के कारोबारियों ने भी नए प्रयोग किए हैं। देश की राजनीतिक हवा को भांपकर पतंगों को डिजाइन किया है। ऐसे में इस बार की पतंगें देश के राजनीतिक माहौल का एहसास कराएंगी। बाजार में तरह-तरह की पतंगें आ गई हैं। उनको खरीदने के लिए भी लोग पहुंच रहे हैं। इस बार मुख्य रूप से टक्कर नाम से पतंग आई है। इसमें मोदी और राहुल एक दूसरे को घूरते नजर आ रहे हैं। दोनों में जगजाहिर 36 का आकड़ा भी पतंग में साफ नजर आ रहा है। मोदी व अमित शाह की फोटो एक पतंग में छापकर उसको जोड़ी नंबर वन के नाम से बेचा जा रहा है। बालवीर, महाबली, बाहुबली, बाल गणेश, कृष्णा, सीताराम, कार्टून, ड्रैगन, चांद सितारा, मछली, बजरंग बली, राकेट जैसे नाम से भी पतंग बाजार में उतारी गई हैं। पतंगों की कीमत एक रुपये से लेकर 12 रुपये तक है।

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इस बार रेतने वाला मंझा नहीं

पतंग को हवा से बातें कराने को लगने वाला मंझा इस बार हाथ व गला रेतने वाला नहीं होगा। सरकार की पाबंदी व सख्ती के चलते कांच मिश्रित मंझा बाजार से हट गया है। शहर के पतंग कारोबारी दीपक व सचिन गुप्ता बताते हैं कि नायलान व फाइबर के मंझे की ही लोग डिमांड कर रहे हैं। यह मंझा जोर पड़ने पर टूट जाता है, जिससे नुकसान का डर नहीं रहता।

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मशीन से हो रही नाप

बेल्हा में कानपुर की पतंग व काशी का मंझा बिक रहा है। मंझे को चौआ के पैमाने से नापा जाता है। चौआ का मतलब हाथ की चार अंगुलियों में एक राउंड में जितना मंझा आता है वह एक चौआ होता है। पांच रुपये का 50 चौआ मिलता है। लगभग इतने से ही पतंग औसत ऊंचाई तक उड़ाई जा सकती है।

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मेरठ का गजक घोलेगा मिठास

मकर संक्रांति यानि खिचड़ी का पर्व 15 जनवरी को मनाया जाएगा। इस पर्व पर देसी मिठाई का स्वाद लिया जाएगा। इसके लिए बाजार अब से ही सज गए हैं। खासकर मेरठ का गजक यहां खूब पसंद किया जा रहा है। उसमें स्वाद के साथ सुगंध भी होती है। लखनऊ, कानपुर और प्रयागराज के तिल के लड्डू, गुड़ के सेव, लाई पट्टी, गुड़ व मूंगफली की जमावटी चिक्की को लोग अभी से ही खाने लगे हैं। देसी मिठाई में सोंठ व कालीमिर्च मिक्स मुजफ्फरनगर का खास गुड़ भी लोग पसंद कर रहे हैं।


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