शिवालयों में जलाभिषेक, लग रहे जयकारे
प्रतापगढ़ सावन के महीने में शिवालयों में आस्था की लहर है। भक्त पूजन कर रहे हैं। अपने प
प्रतापगढ़ : सावन के महीने में शिवालयों में आस्था की लहर है। भक्त पूजन कर रहे हैं। अपने परिवार की खुशहाली की कामना के साथ कोरोना जैसे संक्रमण से बचाने की भी प्रार्थना कर रहे हैं। जयकारे गूंज रहे हैं। गुरुवार को भी आस्था परवान चढ़ती रही।
शहर से लेकर अंचल तक लोगों की आस्था देखते ही बन रही है। भुपियामऊ के पास गौरी शंकर धाम में भक्त भोर से लेकर रात तक पहुंचते रहते हैं। यहां पुजारी टोनी बाबा लोगों को मंदिर के पौराणिक महत्व के बारे में बताते हैं। यहां पर पूर्व प्रधान आलोक कुमार सिंह भक्तों को दर्शन कराने में सहयोग करते नजर आते हैं।
दीवानगंज प्रतिनिधि ने बताया कि सावन में बाबा बेलखरनाथ धाम में श्रद्धालुओं की आस्था सिर चढ़कर बोल रही है। हर-हर महादेव की गूंज होने से वातावरण पवित्र हो जा रहा है। गुरुवार को भी कपाट खुलते ही लोग दर्शन व पूजन करने लगे। वह अपने साथ घर से ही अक्षत, गंगा जल, पुष्प, धतूर, बेलपत्र, दूध, धूप, अगरबत्ती लाए थे। पूजन के बाद जलाभिषेक किया। स्थानीय सेवा समिति के रमानाथ सिंह, मदन सिंह, नरेंद्र प्रसाद ओझा, राजू माली,राजमणि त्रिपाठी,सुधाकर सिंह, बाके सिंह, अरुण सिंह,राम शिरोमणि विश्वकर्मा, राम कुमार ओझा, विश्वनाथ गिरि भक्तों को दर्शन कराने में सहयोग करते रहे। बहुत से लोगों ने रोट के रूप में प्रसाद भी चढ़ाया। घुइसरनाथ धाम प्रतिनिधि के अनुसार बाबा घुइसरनाथ धाम बम-बम भोले, हर-हर महादेव के जयकारे से गूंजता रहा। मंदिर परिसर गुंजायमान रहा। भक्तों ने जलाभिषेक किया। आरती के बाद बाबा का जलाभिषेक व पूजन करने लगे। महंत मयंक भाल गिरि मंदिर समिति के लोगों अनिल गिरि, शीतला प्रसाद गिरि, लवकुश शाहू, धर्मेंद्र शुक्ल, वीरेंद्र मणि तिवारी, संजीव सिंह भी सेवा में लगे रहे।
- गंगा में डुबकी लगाकर पा रहे प्रसन्नता
फोटो 29 पीआरटी 7
संसू, गोतनी : सावन के महीने का अपना ही एक महत्व है। इस महीने में लोग प्रतिदिन गंगा स्नान कर भोलेनाथ का जलाभिषेक कर रहे हैं। कुंडा क्षेत्र के प्रसिद्ध हौदेश्वर नाथ धाम पर भक्तों का आवागमन बना रहा। लोग सावन माह माह में भगवान शिव का आशीर्वाद लेने के लिए भोर से ही घर से निकल पड़े। वह जिधर से निकलते वह क्षेत्र हर-हर महादेव के जयकारे से गूंज उठता। लोग भोर से ही गंगा स्नान कर भोले नाथ को जलाभिषेक करते रहे। यह प्रक्रिया सुबह से शाम तक चलती रही। पूरा दिन मंदिर का प्रांगण हर हर महादेव और घंटों की आवाज से गुंजायमान होता रहा।