जांच पर जांच, महिला अधिकारी की इज्जत पर आंच
महिला अधिकारी के साथ बराबर छेड़छाड़ करने वाले बीडीओ के खिलाफ कार्रवाई ना होने से शुक्रवार की घटना ने पूरे प्रशासनिक अमले की किरकिरी कराकर रख दी। हालांकि एक माह पहले भी इसी तरह की घटना हुई थी और जांच का आश्वासन दिया गया था। इसी तरह शुक्रवार की घटना में भी जांच का आदेश कर महिला अधिकारी को शांत करा दिया गया
तफ्तीश
--दोषी बीडीओ के खिलाफ सीडीओ ने दिया जांच का आश्वासन
--पहले भी शिकायत पर कहा गया था कि जांच के बाद होगी कार्रवाई
संवाद सूत्र, प्रतापगढ़ : एक महिला अधिकारी के साथ बराबर छेड़छाड़ करने वाले बीडीओ के खिलाफ कार्रवाई ना होने से शुक्रवार की घटना ने पूरे प्रशासनिक अमले की किरकिरी कराकर रख दी। हालांकि एक माह पहले भी इसी तरह की घटना हुई थी और जांच का आश्वासन दिया गया था। इसी तरह शुक्रवार की घटना में भी जांच का आदेश कर महिला अधिकारी को शांत करा दिया गया।
इस घटना से महिला अधिकारियों में काफी रोष है। वह पीड़ित महिला अधिकारी के साथ हैं। उनका कहना है कि अगर इस बार जांच में कुछ ना हुआ तो इस मामले को शासन स्तर तक ले जाएंगी। जिस बीडीओ ने महिला अधिकारी के साथ छेड़खानी की थी, वह पहले सांख्यिकी विभाग में थे। वहां से प्रमोशन पाकर बीडीओ के पद पर नियुक्त कर दिए गए। पहले उनको जिले के पश्चिमी क्षेत्र में एक ब्लाक का चार्ज दिया गया था। डीसी मनरेगा अजय कुमार पांडेय की शिकायत पर उनको विकास भवन में अटैच कर दिया गया था। करीब एक माह बाद उनको सांगीपुर बीडीओ का चार्ज दिया गया। वहां भी उनकी कई शिकायतें मिलीं। तैनाती के बाद से ही वह एक महिला अधिकारी के वाट्सएप पर अश्लील मैसेज भेजने लगे। महिला अधिकारी के विरोध के बावजूद वह मैसेज भेजते रहे। हालांकि महिला अधिकारी की शिकायत पर सीडीओ ने जांच बैठा दी थी। डीडीओ व पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी की जांच के बाद रिपोर्ट अफसरों को भेजी गई। सवाल यह है कि माह भर से अधिक का समय बीतने के बाद भी बीडीओ पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई। वहीं शुक्रवार की घटी घटना ने एक बार फिर प्रशासनिक रवैये पर सवाल खड़ा कर दिया है। जहां एक तरफ योगी सरकार महिलाओं से छेड़छाड़ करने वालों पर नकेल कसने की हर संभव कोशिश कर रही है, वहीं उन्हीं के अधिकारी अपने ही बीच की एक महिला अधिकारी के साथ न्याय नहीं कर पा रहे हैं।