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हर हाल में मजदूरों को मिलेगी 90 दिन की मजदूरी

प्रधानमंत्री आवास के लाभार्थियों को श्रम कराने के एवज में मिलने वाले 90 दिन की मजदूरी में व्यापक पैमाने पर हुए गड़बड़झाला की दैनिक जागरण ने पोल खोलकर रख दी। दैनिक जागरण ने अभियान चलाकर करीब दर्जन भर गांवों की पड़ताल की और लाभार्थियों की मजदूरी का पैसा ना दिए जाने के खेल की पोल खोलकर रख दी। जागरण अपने सात दिन के अभियान में उन लोगों की आवाज बना जिन्हें अभी तक हर चौखट पर दुत्कारा जाता रहा और उनके हक को मार दिया गया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 08 Sep 2020 10:51 PM (IST)Updated: Tue, 08 Sep 2020 10:51 PM (IST)
हर हाल में मजदूरों को मिलेगी 90 दिन की मजदूरी
हर हाल में मजदूरों को मिलेगी 90 दिन की मजदूरी

प्रतापगढ़ : प्रधानमंत्री आवास के लाभार्थियों को श्रम कराने के एवज में मिलने वाले 90 दिन की मजदूरी में व्यापक पैमाने पर हुए गड़बड़झाला की दैनिक जागरण ने पोल खोलकर रख दी। दैनिक जागरण ने अभियान चलाकर करीब दर्जन भर गांवों की पड़ताल की और लाभार्थियों की मजदूरी का पैसा ना दिए जाने के खेल की पोल खोलकर रख दी। जागरण अपने सात दिन के अभियान में उन लोगों की आवाज बना, जिन्हें अभी तक हर चौखट पर दुत्कारा जाता रहा और उनके हक को मार दिया गया। जागरण ने जब विकास से जुड़े अधिकारियों और प्रधानों की सांठगांठ की पोल खोली तो प्रशासन भी हरकत में आ गया। उपायुक्त मनरेगा ने सोमवार को सदर व संड़वा चंद्रिका सहित सभी ब्लाकों के बीडीओ, अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी को पत्र के जरिए सख्त हिदायत देते हुए निर्देशित किया कि सभी लाभार्थियों को निर्धारित दिन की मजदूरी दिलाया जाए। इसमें लापरवाही पाए जाने पर निलंबन की कार्रवाई होगी।

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वर्ष 2016-17-18 में प्रधानमंत्री आवास के निर्माण में श्रम करने के एवज में लाभार्थियों को 182 रुपये के हिसाब से मजदूरी दी जाती थी। इसमें ब्लाक के अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी, मनरेगा एकाउंटेंट, कंप्यूटर आपरेटर व रोजगार सेवक की मिलीभगत से मनरेगा से मिलने वाली मजदूरी में गड़बड़झला किया। दैनिक जागरण की टीम ने सदर के कुसमी, जैतीपुर कठार, संड़वा चंद्रिका के चौबेपुर, दांदूपुर दौलत, चौरा, कोलबजरडीह, बझान, अर्जुनपुर, रैबीरजानीपुर, अधारपुर, सांगीपुर के मुस्तफाबाद, लक्ष्मणपुर के सकरौली, लालगंज के बरीबोझ सहित दर्जनभर से अधिक गांवों की पड़ताल की। इसमें आवास के लाभार्थियों ने जागरण से पोल खोलकर रख दी। उनका 90 दिन की खून-पसीने की कमाई किस तरह ग्राम प्रधानों ने दबाकर रख दी। उनका साथ किस तरह अधिकारियों ने दिया। सात दिन तक चले इस अभियान की वजह से कइयों को बहुत अखरा। अभियान को रोकने की कोशिशें भी हुईं, मगर यह अभियान अपने लक्ष्य तक पहुंच कर रहा। प्रशासन ने जागरण की खबर की सच्चाई को परखा तो उसे भी अपने अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर शर्मिंदा होना पड़ा। जागरण की खबर को संज्ञान में लेते हुए प्रयागराज मंडल के मनरेगा लोकपाल ओम प्रकाश सिंह ने जांच की तो मामला सही पाया गया। प्रधान व सचिव को फटकार लगाते हुए कार्रवाई की चेतावनी दी। इसी क्रम में सोमवार को जागरण में मनरेगा के छाये मुद्दे को संज्ञान मे लेते हुए उपायुक्त (मनरेगा) अजय कुमार पांडेय ने सभी ब्लाकों के बीडीओ, अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारियों को हिदायत देते हुए निर्देशित किया कि वह ब्लाकों में इसकी समीक्षा करें। उन्होंने अपने द्वारा जारी किए गए पत्र में दैनिक जागरण की खबर का जिक्र करते हुए निर्देशित किया कि लाभार्थियों को मजदूरी का पैसा अविलंब दिलवाएं। उन्होंने इसकी रिपोर्ट डीएम व सीडीओ को भी भेजी है।

दैनिक जागरण की खबर को संज्ञान में लिया गया है। जिन लाभार्थियों को आवास बनाने के दौरान श्रम करने के एवज में मजदूरी नहीं मिली है। इसके लिए सभी 17 ब्लाक के बीडीओ व अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी को सख्त निर्देश दिया गया है। जल्द उनकी मजदूरी उनके खाते में भेजी जाएगी।

-अजय कुमार पांडेय, डीसी मनरेगा


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