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आइसीएसई-सीबीएसई कालेजों में टॉप रैकिग में आने की होड़

रमेशचंद्र त्रिपाठी प्रतापगढ़ आइसीएसई और सीबीएसई बोर्ड से जुड़े कालेजों में राष्ट्रीय स्तर टॉप रैकिंग पर आने के लिए होड़ मची है। इन कॉलेजों में मेधावी बच्चों को अलग से तैयार कराया जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 02 Jan 2020 10:59 PM (IST)Updated: Fri, 03 Jan 2020 06:01 AM (IST)
आइसीएसई-सीबीएसई कालेजों में टॉप रैकिग में आने की होड़
आइसीएसई-सीबीएसई कालेजों में टॉप रैकिग में आने की होड़

रमेशचंद्र त्रिपाठी, प्रतापगढ़ : आइसीएसई और सीबीएसई बोर्ड से जुड़े कालेजों में राष्ट्रीय स्तर पर टॉप रैकिग में आने की होड़ मची हुई है। इन कालेजों में मेधावी बच्चों को 10वीं एवं 12वीं परीक्षा के लिए अलग से तैयार कराया जा रहा है। हर सप्ताह इनका टेस्ट लिया जा रहा है और इनकी कमियों को दूर करने की हर संभव कोशिश की जा रही है। इसके लिए मनोवैज्ञानिक ढंग से अभिभावकों को भी बच्चों की तैयारी में हाथ बंटाने के लिए तैयार कर लिया गया है। यह सब पीसीएस में टाप थ्री के परिणाम से उत्साहित होकर किया जा रहा है। यह माना जा रहा है कि इस जिले की मेधा राष्ट्रीय स्तर पर अपना स्थान ले सकती है, बशर्ते बच्चों के साथ ईमानदारी से प्रयास किया जाए।

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जिले में आइसीएसई बोर्ड का एकमात्र विद्यालय प्रभात एकेडमी है तथा सीबीएसई बोर्ड से 17 विद्यालय संचालित हैं। बोर्ड की टॉप रैकिग में आने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। उदाहरण के तौर पर प्रभात एकेडमी में बच्चों को चिह्नित कर उन्हें फ्री क्लासेस चला कर अलग से शिक्षित किया जा रहा है। हर सप्ताह उनका टेस्ट लिया जाता है और उन्हें हर हाल में शत-प्रतिशत नंबर लाने के लिए सप्ताह के टेस्ट में कम नंबर दिए जा रहे हैं, ताकि वे अपने प्रयास में ज्यादा से ज्यादा ऊर्जा लगा सकें। इसके लिए सभी विषय के शिक्षक मेधावी बच्चों को अलग से समय दे रहे हैं। विद्यालय प्रशासन को आशा है कि इस बार उनके दस बच्चे नेशनल रैकिग में अपना स्थान जरूर लेंगे। कॉलेज के प्रिसिपल डॉक्टर प्रभात शर्मा आत्मविश्वास से लबरेज हैं, बताते हैं कि कक्षा 10 व 12 तक के बच्चों को टॉप रैंकिग में लाने के लिए चिह्नित कर अलग से शिक्षा देने की व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही कमजोर बच्चों के लिए फ्री क्लासेस चलाकर मुख्य धारा में लाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि हर सप्ताह उनका टेस्ट लेकर अच्छे अंक लाने को प्रेरित किया जा रहा है। इसी प्रकार न्यू एंजिल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल के प्रिसिपल बीके सोनी ने बताया कि बोर्ड में टॉप रैंकिग के लिए बच्चों को अलग से तैयार किया जा रहा है। ग्रुप बनाकर उन्हें अलग से बेहतर शिक्षा दी जा रही है, जिससे वह बोर्ड में टॉप रैंकिग हासिल कर विद्यालय व जिले का नाम रोशन कर सकें। इसी प्रकार डाल्फिन पब्लिक स्कूल, एटीएल स्कूल, संस्कार ग्लोबल स्कूल, संगम इंटरनेशनल स्कूल में टापरैंकिग के लिए बच्चों को तैयार किया जा रहा है। अब देखना यह है कि इस बार के सीबीएसई और आइसीएसई बोर्ड की परीक्षा में किस विद्यालय से कितने बच्चे राष्ट्रीय स्तर पर अपने जिले की पहचान बना पाते हैं।

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आशा की किरण बनें पीसीएस टापर्स :

इस बार पीसीएस परीक्षा में प्रतापगढ़ जिले के अमित शुक्ला ने टॉप किया था। यही नहीं इस प्रतिष्ठित परीक्षा में तीसरे नंबर पर मीनाक्षी पांडेय और नौवीं रैंक लाने वाली जिले की ही दिव्या ओझा थीं। पीसीएस के ये तीन टापर्स बच्चों की आशा के किरण बन गए हैं। जिले के सभी स्कूलों में इन तीन प्रतिभाओं की चर्चा इस साल रही और विद्यालय प्रबंधन ने पीसीएस परिणाम से अपने संस्थान के मेधावी बच्चों का उत्साह बढ़ाया। उन्हें बोर्ड परीक्षा में टॉप रैकिग में स्थान बनाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। इनसे प्रेरणा लेकर बच्चे अपनी पढ़ाई में जुट गए हैं।

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एक पैटर्न पर हो रही तैयारी :

गणित के शिक्षक हरिकेश सिंह का कहना है कि सीबीएसई और आइसीएसई बोर्ड का सेलेबल समान हो गया है। ऐसे में बच्चों को वह स्वयं से तैयारी करा रहे हैं। स्वयं से महत्वपूर्ण प्रश्नों का बैंक बनाकर तैयारी कराई जा रही है। अवकाश के कारण इसमें बाधा आ रही है। कुछ बच्चे नेट के जरिए भी पढ़ाई कर रहे हैं। उनका प्रयास है कि बच्चों को अच्छे अंक मिल सकें और वह जिले का नाम रोशन कर सकें।

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भौतिक विज्ञान के शिक्षक बी.के. सोनी बताते हैं कि एनसीईआरटी की किताबों में पूरा मैटर नहीं मिल पाता। इस कारण बोर्ड के परीक्षार्थियों के लिए वह खुद से गेस पेपर बनाकर बच्चों का टेस्ट करा रहे हैं। गत वर्ष से पाठ्यक्रम में बदलाव आने के कारण अनसाल्वड पेपर भी बाजार में उपलब्ध नहीं है। किताबें काफी महंगी होने के कारण अधिकांश बच्चे नेट का भी सहयोग ले रहे हैं।


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