गणित से कम नहीं हिदी, नंबर पाना आसान नहीं
यूपी बोर्ड की 24 अप्रैल से होने वाली परीक्षा में पहले दिन हिदी का प्रश्नपत्र है। इंटर में सामान्य हिदी और हिदी का पाठ्यक्रम अलग-अलग है। इसका मॉडल पेपर भी परिवर्तित है। कुछ पाठ हिदी के लिए निर्धारित हैं कितु सामान्य हिदी से अलग किया गया है। इसी तरह संस्कृत व्याकरण में भी परिवर्तन है । पत्र लेखन एवं प्रार्थना पत्र लेखन सामान्य हिदी में है कितु हिदी में नहीं है। देखा जाए तो हिदी विषय गणित से कम कठिन नहीं है। फिर भी परिश्रम की बदौलत हिदी में भी शत प्रतिशत अंक प्राप्त किए जा सकते हैं।
संवादसूत्र, प्रतापगढ़ : यूपी बोर्ड की 24 अप्रैल से होने वाली परीक्षा में पहले दिन हिदी का प्रश्नपत्र है। इंटर में सामान्य हिदी और हिदी का पाठ्यक्रम अलग-अलग है। इसका मॉडल पेपर भी परिवर्तित है। कुछ पाठ हिदी के लिए निर्धारित हैं, कितु सामान्य हिदी से अलग किया गया है। इसी तरह संस्कृत व्याकरण में भी परिवर्तन है । पत्र लेखन एवं प्रार्थना पत्र लेखन सामान्य हिदी में है कितु हिदी में नहीं है। देखा जाए तो हिदी विषय गणित से कम कठिन नहीं है। फिर भी परिश्रम की बदौलत हिदी में भी शत प्रतिशत अंक प्राप्त किए जा सकते हैं।
इंटर हिदी में पहला प्रश्न गद्य साहित्य के इतिहास से संबंधित आता है। इसमें पांच बहुविकल्पीय प्रश्न पूछे जाते हैं। इसमें प्रत्येक विधा यथा -निबंध, कहानी, उपन्यास, संस्मरण और रेखाचित्र, यात्रा वृत, पत्र साहित्य से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं। इसलिए प्रत्येक विधा पर फोकस करें। दूसरे प्रश्न में पद्य साहित्य के इतिहास से संबंधित पांच प्रश्न पूछे जाते हैं,जो पद्य साहित्य के प्रत्येक कालखंड से संबंधित होते हैं। इसमें आधुनिक काल पर विशेष ध्यान दें। प्रश्न तीन गद्यांश और प्रश्न चार पद्यांश से संबंधित रहता है। इसमें अब व्याख्यात्मक प्रश्न नहीं पूछे जाते, बल्कि प्रत्येक से पांच प्रश्न पूछे जाते हैं। गद्य के पाठों के लिए राष्ट्र का स्वरूप और भाषा और आधुनिकता पाठ महत्वपूर्ण है। जबकि काव्य के लिए प्रसाद, दिनकर, अज्ञेय और मुक्तिबोध महत्वपूर्ण कवि हैं । इनसे प्रत्येक वर्ष प्रश्न पूछे जा रहे हैं। प्रश्न पांच गद्य और पद्य के पाठों के साहित्यकारों के जीवन- परिचय एवं साहित्यिक- परिचय से संबंधित रहता है । इसके लिए कवियों एवं लेखकों की साहित्यिक रचनाओं का विधा के अनुसार वर्गीकरण करके याद करना ज्यादा महत्वपूर्ण है। साथ ही इनके साहित्यिक योगदान पर विशेष ध्यान दें, क्योंकि साहित्यिक परिचय के लिए यह बिदु महत्वपूर्ण है। प्रश्न छह कथा- साहित्य तथा प्रश्न सात खंडकाव्य से संबंधित आता है, जिसमें एक -एक दीर्घ उत्तरीय प्रश्न पूछे जाते हैं। इसे अधिकतम 80 शब्दों में लिखना है । अपने जिले के अनुसार खंडकाव्य का चयन करें। प्रश्न पत्र का दूसरा खंड संस्कृत और व्याकरण से संबंधित रहता है। हिदी अनुवाद के लिए संस्कृत भाषा का महत्व, महामना मालवीय, महर्षि दयानंद एवं सुभाषित रत्नानि पाठ महत्वपूर्ण हैं।
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काव्य सौंदर्य के तत्व-रस, अलंकार पर करें ध्यान केंद्रित
राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय हरदोपट्टी के प्रधानाचार्य एवं हिदी के विषय विशेषज्ञ डॉ. राजेंद्र कुमार बताते हैं कि हिदी में अच्छे नंबर प्राप्त करने के लिए काव्य सौंदर्य के तत्व -रस ,छंद,अलंकार पर ध्यान केंद्रित करें, क्योंकि इससे छह अंक के तीन प्रश्न पूछे जाते हैं। परीक्षा में पूरे अंक मिलते हैं। संस्कृत व्याकरण के लिए गत वर्ष के प्रश्नों का अभ्यास करें। निबंध लेखन के लिए समसामयिक समस्याओं पर लेखन का अभ्यास करें। अच्छे अंक के लिए निबंधों में संस्कृत के श्लोकों, हिदी की कविताएं तथा महत्वपूर्ण उद्धरण अवश्य समाहित करें। इससे निबंध में अच्छे अंक मिलते हैं।
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ऐसे प्राप्त कर सकते हैं अच्छे अंक
-प्रश्नों के उत्तर क्रम के अनुसार ही लिखें।
-यदि किसी पेज पर उत्तर जल्द समाप्त हो रहा है तो अगले प्रश्न का उत्तर कम से कम तीन लाइन छोड़ कर लिखें।
-कापी पर हाशिया केवल बाई तरफ छोड़ें, क्योंकि मूल्यांकन के समय परीक्षक द्वारा अंक यहीं दिए जाते हैं।
-जीवन परिचय निबंध एवं संदर्भ लिखते समय महत्वपूर्ण बिदुओं को रेखांकित करें।
-भाषा की शुद्धता पर विशेष ध्यान दें।
-प्रत्येक प्रश्न को शब्द सीमा के अंतर्गत हल करें।
-अनावश्यक रूप से लिखते समय स्पेस छोड़ना निरर्थक है।
-काली और नीली स्याही वाली पेन का प्रयोग करें
-हेडिग्स मोटी पेन से डालें।
-तनाव मुक्त होकर परीक्षा दें।
-साहित्यिक परिचय, निबंध, खंडकाव्य, कथा साहित्य के प्रश्न के उत्तर रट कर न लिखें, बल्कि मौलिक उत्तर लिखें अच्छे नंबर मिलेंगे।
-गत वर्ष के प्रश्न पत्रों तथा मॉडल पेपर का नियमित अभ्यास करें।