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जान जोखिम में डाल स्कूल जाना इनकी विवशता

संसू, जगेसरगंज : रेलवे क्रा¨सग व फाटक न बनने से 25 स्कूलों-कॉलेजों के नौनिहाल 10 महीने ख

By JagranEdited By: Published: Fri, 25 May 2018 10:30 PM (IST)Updated: Fri, 25 May 2018 10:30 PM (IST)
जान जोखिम में डाल स्कूल जाना इनकी विवशता
जान जोखिम में डाल स्कूल जाना इनकी विवशता

संसू, जगेसरगंज : रेलवे क्रा¨सग व फाटक न बनने से 25 स्कूलों-कॉलेजों के नौनिहाल 10 महीने खतरे में रहते हैं। उनको गर्मी व जाड़े में जर्जर अंडरपास से गुजरकर स्कूल तक पहुंचना होता है। जगेसरगंज में यह समस्या प्राइमरी से लेकर डिग्री तक के छात्र-छात्राओं को झेलनी होती है। क्रा¨सग न होने से एक तरफ आठ और दूसरी तरफ के 16 विद्यालय के बच्चे इससे प्रभावित होते हैं। अंडरपास में बरसात में पानी भर जाने के कारण व उसके बाद कई दिन तक कीचड़ रहने से अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। दुर्घटना होने की संभावना रहती है। छात्र-छात्राओं के परिजन हमेशा घबराए रहते हैं। जब तक बच्चे विद्यालय से घर न पहुंच जाएं घटना की आशंका सताती रहती है।

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फाटक बन जाए तो आसानी

फोटो 25 पीआरटी 1 से 10 तक

लोगों के मन में हमेशा डर बना रहता है कि बच्चा सही-सलामत घर पहुंचे कि नहीं पहुंचे। सही रास्ता न होने से बहुत सारे बच्चे उस पार घूमकर काफी दूर जाते हैं। पूर्व प्रधानाचार्य ओम प्रकाश शुक्ला, राजीव मिश्रा, सुरेंद्र प्रताप, मधुर यादव, राम सजीवन वर्मा, मंजू मिश्रा, हरिशंकर, शारदा प्रसाद मिश्रा का कहना है कि रास्ते के अभाव के कारण कई बार बच्चे स्कूल जाना ही नहीं चाहते। ऐसे में उनको डॉक्टर इंजीनियर बनाने के सपने भी पूरे होते नहीं दिखते।


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