बिना जोखिम के नहीं हो सकती लक्ष्य की प्राप्ति : इब्राहिम
बचों में पढ़ने की आदत डालने के लिए 100 दिन का पढ़ाई अभियान शुरू किया गया है। एक जनवरी को केंद्रीय मंत्री ने इसका शुभारंभ किया था। 10 जनवरी से यह जिले में शुरू हुआ। इसको लेकर एक दिवसीय वेबिनार रविवार को आयोजित हुआ। इसका शुभारंभ उप शिक्षा निदेशक डायट मोहम्मद इब्राहिम ने कया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि निपुण भारत अभियान के अंतर्गत राष्ट्रीय मूलभूत साक्षरता एवं संख्या ज्ञान बढ़ाने के उद्देश्य से बचों के लिए 100 दिनों का यह रीडिग अभियान अत्यंत ही लाभकारी सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि बिना जोखिम के लक्ष्य की प्राप्ति नहीं हो सकती।
संवादसूत्र, प्रतापगढ़ : बच्चों में पढ़ने की आदत डालने के लिए 100 दिन का पढ़ाई अभियान शुरू किया गया है। एक जनवरी को केंद्रीय मंत्री ने इसका शुभारंभ किया था। 10 जनवरी से यह जिले में शुरू हुआ। इसको लेकर एक दिवसीय वेबिनार रविवार को आयोजित हुआ। इसका शुभारंभ उप शिक्षा निदेशक डायट मोहम्मद इब्राहिम ने कया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि निपुण भारत अभियान के अंतर्गत राष्ट्रीय मूलभूत साक्षरता एवं संख्या ज्ञान बढ़ाने के उद्देश्य से बच्चों के लिए 100 दिनों का यह रीडिग अभियान अत्यंत ही लाभकारी सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि बिना जोखिम के लक्ष्य की प्राप्ति नहीं हो सकती। सभी हित धारकों के लिए सकारात्मक सोच के साथ जागरूकता लाने की आवश्यकता है। बच्चों में पढ़ने की आदत डालने के उद्देश्य से यह कार्यक्रम राष्ट्रीय स्तर पर चलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इसके अंतर्गत तीन वर्ग के बच्चों में पढ़ाई की आदत डालनी है। प्रथम वर्ग में बाल वाटिका से कक्षा दो, द्वितीय में कक्षा तीन से पांच तथा तृतीय वर्ग में कक्षा छह से आठ। एसआरजी. डॉ. श्वेता सिंह ने लक्ष्य समूह, अभियान की समयावधि, पठन अभियान का उद्देश्य , पुस्तकालय की आवश्यकता, पठन गतिविधियां, पठन गतिविधियों के उद्देश, किताब पठन के बाद की गई गतिविधियां तथा दैनिक कार्य योजना पर प्रकाश डाला। डायट के करुणेश शुक्ल ने संख्या ज्ञान तथा अभिभावकों के लिए संदेश में बच्चों को पढ़ाने के लिए सामग्री उपलब्ध कराने, शिक्षकों से संपर्क करके विद्यालय में व्हाट्सएप ग्रुप में जुड़ने आदि पर चर्चा की। एसआरजी आशुतोष ने अभिलेखीकरण एवं अनुश्रवण पर बिदुवार प्रस्तुतीकरण किया। एसआरजी चंद्र जीत ने अभियान के सफल क्रियान्वयन को रणनीतियों पर प्रकाश डाला। राज्य अध्यापक पुरस्कार प्राप्त शिक्षक मोहम्मद फरहीम ने कहा कि बच्चे ऐसी फुलवारी हैं, जिनसे पूरा संसार महकता है। बच्चे वही शीघ्र सीखते हैं जिसमें उनको आनंद आता है। हम सभी को बच्चों को पढ़ने के लिए आनंददाई एवं रचनात्मक वातावरण तैयार करना होगा। इस दौरान जिला समन्वयक प्रशिक्षण अजय दुबे ने भी सुझाव दिए। कार्यक्रम का संचालन राजीव सिंह ने किया। इस दौरान सभी खंड शिक्षा अधिकारी, डायट मेंटर, एसआरजी, एआरपी व शिक्षकगण एवं अभिभावक भी जुड़े रहे।