बच्चों को टार्गेट देकर मोबाइल चोरी करा रहा है गैंग
अभिभावकों को हर महीने मोटी रकम देने का लालच देकर उनके बचों से एक गैंग मोबाइल चोरी करा रहा है।
संसू प्रतापगढ़ : अभिभावकों को हर महीने मोटी रकम देने का लालच देकर उनके बच्चों से एक गैंग मोबाइल चोरी करा रहा है। यह राज तब खुला, जब मोबाइल चोरी में पकड़े गए एक बच्चे और उसके चार साथियों से पूछताछ से हुई। गैंग का सरगना झारखंड का रहने वाला है, वह पुलिस की पकड़ में नहीं आ सका है।
मोबाइल चोरी करने वाले गिरोह का सरगना छोटे छोटे बच्चों के साथ सुल्तानपुर में किराए के मकान में रहता है। मूल रूप से वह झारखंड का रहने वाला है। जो बच्चे उसके साथ रहते हैं उनकी उम्र करीब 10 से 14 साल है। ये बच्चे भी झारखंड के साहेबगंज और पश्चिम बंगाल के आसनसोल जिले के रहने वाले हैं। प्रत्येक बच्चे को प्रतिदिन तीन से छह मोबाइल चुराने का टारगेट दिया जाता है। इसके एवज में उन्हें प्रतिदिन एक हजार रुपये के हिसाब से महीने में 30 हजार रुपये मिलते हैं। यह पैसा गैंग का सरगना बच्चों के अभिभावकों को प्रत्येक महीने पहुंचा देता है।
गैंग का सरगना प्रतिदिन बच्चों को शहर में छोड़ जाता है। प्रत्येक बच्चे को 50 रुपये भी देता है, जिससे मोबाइल चुराने के बाद वे बस या टैक्सी से सुल्तानपुर लौट सकें। इन बच्चों के लिए रोज होटल से लजीज भोजन भी मंगाया जाता है। इसका राजफाश तब हुआ, जब चौक घंटाघर के पास किराना व्यापारी बनवारीलाल की दुकान से मोबाइल चुराने के मामले में पकड़े गए एक बच्चे से पुलिस ने पूछताछ की। पुलिस ने उस बच्चे से पूछताछ के बाद सुल्तानपुर से उसके चार और साथियों को पकड़ा। इसकी भनक लगने पर गैंग के सरगना सहित अन्य सदस्य भाग निकले। पकड़े गए दो बच्चे पश्चिम बंगाल और तीन बच्चे झारखंड के हैं। ये इतने शातिर हैं कि पुलिस की पूछताछ में गैंग के सरगना का नाम नहीं बताया। यह भी पता चला है कि चोरी के बाद थोक में ये मोबाइल मालदा के चोर बाजार में बेचते हैं। मकंद्रूगंज चौकी प्रभारी दीप नारायण यादव ने बताया कि मोबाइल की चोरी कराने वाले गैंग के सदस्यों की तलाश की जा रही है। दो बच्चों का किया चालान
मोबाइल चोरी के मामले में पकड़े गए दो बच्चों का पुलिस ने चालान कर दिया। दोनों की उम्र लगभग 14 साल है। जबकि तीन बच्चों को पुलिस ने छोड़ दिया।