चार लाख बच्चों को लगेगा निमोनिया का टीका
जिले में चार लाख से अधिक बच्चों को एक माह में निमोनिया का टीका लगाया जाएगा। साथ ही विटामिन ए की खुराक भी दी जाएगी। इसके लिए बाल स्वास्थ्य पोषण माह का शुभारंभ गुरुवार को किया गया। जिला महिला अस्पताल में बच्चों को विटामिन ए की खुराक पिलाकर इस अभियान को शुरू करते हुए डीएम डॉ. रूपेश कुमार ने कहा कि बच्चों को स्वस्थ रखने की जिम्मेदार हम सबकी की है। स्वास्थ्य विभाग अपनी जिम्मेदारी ठीक से निभाए और अभिभावक भी सहयोग करें। यह अभियान अब से छह सितंबर तक चलेगा। टीमें एएनएम सेंटरों पर रोस्टरवार जाकर टीके लगाएंगी।
जागरण संवाददाता, प्रतापगढ़ : जिले में चार लाख से अधिक बच्चों को एक माह में निमोनिया का टीका लगाया जाएगा। साथ ही विटामिन ए की खुराक भी दी जाएगी। इसके लिए बाल स्वास्थ्य पोषण माह का शुभारंभ गुरुवार को किया गया।
जिला महिला अस्पताल में बच्चों को विटामिन ए की खुराक पिलाकर इस अभियान को शुरू करते हुए डीएम डॉ. रूपेश कुमार ने कहा कि बच्चों को स्वस्थ रखने की जिम्मेदार हम सबकी की है। स्वास्थ्य विभाग अपनी जिम्मेदारी ठीक से निभाए और अभिभावक भी सहयोग करें। यह अभियान अब से छह सितंबर तक चलेगा। टीमें एएनएम सेंटरों पर रोस्टरवार जाकर टीके लगाएंगी। इस मौके पर सीएमओ डॉ. एके श्रीवास्तव ने बताया कि एक साल से लेकर पांच साल तक के बच्चों की मौत का सबसे बड़ा कारण निमोनिया का संक्रमण है। अपने देश में प्रति एक हजार में से सात बच्चे इससे काल के गाल में समा जाते हैं। इसलिए एक दिन से लेकर नौ माह तक के चार लाख एक हजार बच्चों को यह टीका लगाने का जिले में लक्ष्य है। यह वैक्सीन नौनिहालों को तीन बार में दी जाएगी।
कार्यक्रम में एडीएम शत्रोहन वैश्य, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. सीपी शर्मा, इंचार्ज सीएमएस डॉ. नीलिमा सोनकर, डॉ. अनिल गुप्ता, डॉ. एससीएल द्विवेदी, एसीएमओ डॉ. एसके सिंह. डॉ. एम नजीब, सहायक प्रतिरक्षण अधिकारी महेश कुमार सिंह, देवानंद श्रीवास्तव भी मौजूद रहे।
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पहली बार उपलब्ध
यह वैक्सीन अब तक सरकारी अस्पतालों में नहीं उपलब्ध थी। यह काफी महंगी है। अब इसे बच्चों को स्वास्थ्य विभाग की टीमें निश्शुल्क लगाएंगी। प्रतापगढ़ को इस अभियान के दूसरे चरण में 56 जिलों के साथ शामिल किया गया है।
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जागरूकता का संदेश भी
बाल स्वास्थ्य पोषण अभियान के तहत टीकाकरण तो होगा ही, जागरूकता के संदेश भी दिए जाएंगे। खासकर कुपोषित बच्चों का पुन: वजन, पहचान करना, स्तनपान व उपरी आहार को बढ़ावा देना, आयोडीन के बारे में बताना भी इसमें शामिल है।