दुअर नाले में डूबने से दो की गई जान
कुंडा कोतवाली क्षेत्र के बरई गांव के पास से गुजरे दुअर नाले में भैंस को निकालने गए शीतला प्रसाद 55 और अजीत 20 की डूबने से मौत हो गई। भैंस को निकालने के लिए पहले पशु स्वामी शीतला प्रसाद डूबा और उसे बचाने के प्रयास में युवक डूब गया।
संसू, कुंडा : कुंडा कोतवाली क्षेत्र के बरई गांव के पास से गुजरे दुअर नाले में भैंस को निकालने गए अधेड़ और युवक की डूबने से मौत हो गई। भैंस को निकालने के लिए पहले पशु स्वामी डूबा और उसे बचाने के प्रयास में युवक डूब गया। एक साथ दो मौतों से परिजनों के साथ गांव में मातम छा गया।
बरई (बबुरी पुरवा) के बगल से दुअर नाला गुजरा है। इस समय बारिश के कारण पानी का बहाव तेज है। शनिवार दोपहर करीब दो बजे गांव के शीतला प्रसाद (55) पुत्र नान्हू अपनी भैंस दुअर नाले की ओर चराने गए थे। दोपहर करीब तीन बजे भैंस चरते हुए दुअर नाले में चली गई और डूबने लगी। भैंस को निकालने के लिए शीतला प्रसाद नाले में कूद गया। पानी का बहाव तेज होने के कारण वह गहरे पानी में चला गया और डूबने लगा।
उसे डूबते देखकर पास में खड़ा अजीत (20) पुत्र स्वर्गीय रामेश्वर शीतला को बचाने के लिए नाले में कूद गया और वह भी डूबने लगा। इस बीच खेत में काम कर रही महिलाओं ने शोर मचाया तो ग्रामीण दौड़ पड़े। मौके पर पहुंचे ग्रामीणों ने काफी प्रयास के बाद दोनों को किसी तरह नाले से बाहर निकाला। लेकिन तब तक शीतला प्रसाद की मौत हो गई थी, हालत गंभीर देख अजीत को सीएचसी कुंडा लाया गया। यहां पर चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। एक साथ हुई दो मौत की जानकारी होने पर बाबागंज विधायक विनोद सरोज, राजा भइया के प्रतिनिधि हरिओम शंकर श्रीवास्तव मृतकों के घर पहुंचे और मृतक के परिजनों को ढांढस बंधाते हुए हर संभव मदद का आश्वासन दिया। शीतला और अजीत की मौत से परिजन रो-रोकर बेहाल थे। पुलिस ने दोनों शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
बच्चों के सिर से उठा पिता का साया : बरई गांव निवासी शीतला प्रसाद मेहनत मजदूरी कर किसी तरह परिवार का पालन भोषण करता था। उसके तीन बेटे व दो बेटियां है। सबसे बड़ा बेटा पवन फिर विजय, अजय और बेटी मंजू, संजू है। सभी की शादी हो चुकी है। शीतला की मौत से पत्नी राजपति समेत परिजन रो-रोकर बेहाल थे।
बचपन में ही हो गई थी अजीत के पिता की मौत : बरई गांव निवासी रामेवर प्रसाद के दो बेटे व चार बेटियां है। सबसे बड़ा बेटा मंजीत मामा के घर रहता है। उसके बाद बेटा अजीत व बेटियां गुड्डा, निशा, नीलम व सुनीला हैं। सभी की शादी हो गई है। अजीत के बचपन में ही माता पिता का निधन हो गया था। अजीत की शादी अभी नही हुई थी। वह घर पर अकेले रहता था। वह मेहनत मजदूरी करके अपना पेट पालता था। चार दिन पूर्व अजीत ने घर बनवाने के लिए ईट मंगवाया था, लेकिन उसने यह सपने में नहीं सोचा होगा कि वह असमय काल के गाल में समा जाएगा।
दोनों को बचाने में डूबने लगा मुन्ना : बरई गांव में शनिवार को जब शीतला प्रसाद व अजीत दुअर नाले में डूब रहे थे तो उन्हें डूबते देख मौके पर पहुंची फूलकली, श्रीमती, कुसुमा, मनकहिन, राजपति को रस्सी समेत कोई सामान नहीं मिला। इतने में अपनी-अपनी साड़ी खोलकर महिलाओं ने उसे मुन्ना सरोज की कमर में बांधकर दुअर नाले में भेजा था, लेकिन पानी का बहाव अधिक होने के कारण जब मुन्ना डूबने लगा तो महिलाओं ने उसे खींचकर बाहर निकाल लिया, नही तो मुन्ना सरोज भी दोनों के साथ डूब जाता। फिलहाल दोनों मौत से गांव में मातम छाया हुआ है।